class 12 physics chapter 4 ( गतिमान आवेश और चुम्बकत्व ) Objective Question Hindi
1. एक इलेक्ट्रॉन V वेग से समरूप चुम्बकीय क्षेत्र B के समानान्तर चलता है, तो इलेक्ट्रॉन द्वारा अनुभव किया गया महत्तम बल होगा
(A) BeV
(B) eV / B
(C) B / eV
(D) Zero
2. एक वोल्टमीटर का प्रतिरोध G ओम है तथा परास V वोल्ट है। इसकी परास को बढ़ाकर nV करने हेतु श्रेणीक्रम में आवश्यक प्रतिरोध होगा :
(A) nG
(B) (n – 1)G
(C) G / n
(D) G / n – 1
3. त्वरित आवेश उत्पन्न करती है :
(A) अल्फा किरणें
(B) गामा किरणें
(C) बीटा किरणें
(D) विद्युत चुम्बकीय तरंग
4. समान आवेश के 2 कण A तथा B समान विभवान्तर में त्वरित होने के बाद एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करके तथा R1 एवं R2 त्रिज्याओं के क्रमशः वृत्तीय मार्गों को बनाते हैं तो A एवं B द्रव्यमानों का अनुपात है।
(A) (RI/R2)½
(B) (RI/R2)
(C) (RI/R2)
(D) RIR2
5. 30°C पर आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। उसका पथ हो जाता है –
(A) वृत्ताकार
(B) हेलिकल
(C) दीर्घवृत्तीय
(D) सीधी रेखा
6. एक गैलवेनोमीटर की सुग्राहिता 60 भाग/ऐम्पियर है। यदि गैलवेनोमीटर का प्रतिरोध 20Ω है तो व्यवहार किये शंट का मान होगा –
(A) 4Ω
(B) 5Ω
(C) 20Ω
(D) 20 / 7 Ω
7. जब किसी आम्मापी को शंट किया जाता है तो इसकी सीमा क्षेत्र –
(A) बढ़ती है
(B) घटती है कि पर
(C) स्थिर होती है।
(D) इनमें से कोई नहीं
8. 1 ऐम्पियर परिसर सीमा के एक आम्मापी के प्रतिरोध 0.9Ω है, जिसका परिसर 10 ऐम्पियर करने के लिए आवश्यक शंट होगा –
(A) 0.1Ω
(B) 0.01 Ω
(C) 0.9 Ω
(D) 1 Ω
9. दूरी r से पृथक् दो पतले लम्बे समानान्तर तारों में प्रत्येक में I धारा प्रवाहित है। प्रति इकाई लम्बाई के परिमाण के बल दूसरे के कारण एक तार द्वारा अनुभव होता है, जिसका मान होता है –
(A) μ0I2 / r2
(B) μ0I2 / 2πr
(C) μ0I / 2πr
(D) μ0I / 2πr2
10. विधुत धारा के चुम्बकीय प्रभाव की खोज की थी –
(A) ऐम्पियर ने
(B) ऑस्ट्रेड ने
(C) फ्लेमिंग ने
(D) फैराडे ने
11. एक सीधे चालक में 10 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित है। यह 1.5 वेबर/मी०2 तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र से 30° का कोण बनाते हुए रखा है तो 1 मीटर लम्बाई के चालक पर बल लगेगा-
(A) 7.5 न्यूटन
(B) 15 न्यूटन
(C) 75 न्यूटन
(D) 150 न्यूटन
12. धारावाही वृत्तीय कुंडली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रहता है
(A) कुण्डली के तल में
(B) कुण्डली के तल के लम्बवत्
(C) कुण्डली के तल से 45° पर
(D) कुण्डली के तल से 180° पर
13. एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है –
(A) सीधे धारावाही तार से
(B) वृत्तीय लूप में धारा के प्रवाह से उसके केन्द्र पर का
(C) वृत्तीय लूप में धारा के प्रवाह से उसकी अक्ष पर
(D) परिनालिका में धारा के प्रवाह से उसके भीतर
14. लॉरेन्ज बल का सूत्र है –
(A) = q .
(B) = q x
(C) F = q / νB
(D) F = νBsinθ / q
15. लॉरेन्ज बल की दिशा ज्ञात करने का नियम है
(A) फ्लेमिंग का बाएँ हाथ का नियम
(B) फ्लेमिंग का दाएँ हाथ का नियम विपरित
(C) मैक्सवेल का दाएँ हाथ का कार्क-स्क्रू नियम, कामको
(D) ऐम्पियर का तैरने का नियम
16. एक तार में विधुत धारा पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित हो रही है जो कि उत्तर की ओर दिष्ट चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है तो तार पर कार्यशील बल की दिशा होगी –
(A) पूर्व की ओर
(B) पश्चिम की ओर
(C) ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर
(D) ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर
17. एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B में I लम्बाई का एक चालक चुम्बकीय क्षेत्र की बल यो रेखाओं के समानान्तर रखा हुआ है। यदि चालक में I धारा I बहती है तो इस पर लगने वाला बल है –
(A) IBI
(B) IB / l
(C) शून्य
(D) Il / B
18. दो लम्बे सीधे तार में समान धारा I प्रवाहित है तथा दोनों के बीच की दूरी r है और एक दूसरे पर F बल लगाते हैं। यदि धारा को 2I बढ़ा दिया जाता है तथा दोनों के बीच की दूरी कम करके r / 2 कर दी जाती है तो बल का मान होगा –
(A) 8F
(B) 2F
(C) F / 2
(D) F / 8
19. चल कुण्डली धारामापी में कुण्डली के मध्य नरम लोहे की क्रोड रखते है ताकि –
(A) चुम्बकीय क्षेत्र समरूप हो जाए
(B) चुम्बकीय क्षेत्र का मान प्रबल एवं त्रैज्य हो
(C) चुम्बकीय क्षेत्र केवल त्रैज्य हो
(D) कुण्डली का प्रतिरोध शून्य हो।
20. दो कुण्डली इस प्रकार रखे गये हैं कि उनके तल एक-दूसरे के समकोणिक और एक ही केन्द्र हैं। यदि प्रत्येक कुण्डली में समान धारा प्रवाहित है और समान चुम्बकीय क्षेत्र B उत्पन्न होता है तो परिणामी क्षेत्र होगा –
(A) 2B
(B) √¯2B
(C) B / √¯2
(D) शून्य
21. r त्रिज्या के वृत्ताकार लूप में I धारा प्रवाहित है, जिसे एक चुम्बकीय क्षेत्र B में रखा है तो तार पर बल होगा –
(A) BI r
(B) πBIr
(C) 2πBIr
(D) शून्य
22. समरूप वेग से चलायमान आवेश उत्पन्न करता है –
(A) केवल विद्युतीय क्षेत्र
(B) केवल चुम्बकीय क्षेत्र
(C) विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र
(D) इनमें से कोई नहीं
23. ऋजु धारा की चुम्बकीय बल रेखाएँ होती हैं
(A) धारा के चारों ओर वृत्तीय
(B) धारा के समान्तर तथा सरल रेखीय
(C) धारा के अभिलम्बवत् तथा सरल रेखीय
(D) इनमें से कोई नहीं
24. शंट के प्रयोग में धारामापी की सुग्राहिता –
(A) घट जाती है
(B) बढ़ जाती है
(C) अपरिवर्तित रहती है
(D) इनमें से कोई नहीं
25. G प्रतिरोध के किसी गैल्वेनोमीटर से जब मुख्य धारा की 1 / n गुनी धारा भेजनी रहती है तब उसके लिए शंट का उपयोग किया जाता है, उसका प्रतिरोध –
(A) nG
(B) G / n
(C) (n – 1)G
(D) G / (n – 1)
26. एक सीधे धारावाही तार के गिर्द चुम्बकीय क्षेत्र B का रेखीय समाकलन होगा
(A) μ०i
(B) μ० / i
(C) i / μ०
(D) μ2०i
27. गैल्वेनोमीटर को वोल्टमीटर में परिवर्तित करने के लिए हमें क्या परिवर्तित करना चाहिए ?
(A) कम प्रतिरोध गैल्वेनोमीटर से श्रेणी क्रम जोड़ना
(B) उच्च प्रतिरोध गैल्वेनोमीटर के समानांतर
(C) कम प्रतिरोध गैल्वेनोमीटर के समानांतर जोड़ना चाहिए
(D) उच्च प्रतिरोध गैल्वेनोमीटर के समानांतर जोड़ना चाहिए
28. दो समांतर धारावाही तारों की आपसी दूरी 3cm तथा धाराएं 2i एवं i हैं । बिन्दु P पर चुम्बकीय प्रेरण शून्य है। बाईं तार से P की दूरी है
(A) 1 cm
(B) 2 cm
(C) 1.5 cm
(D) इनमें से कोई नहीं
29. एक आदर्श परिनालिका की धारा दुगुनी कर देने पर इसके अंदर चुम्बकीय प्रेरण सदिश का परिमाण –
(A) दुगुना हो जाएगा
(B) समान रहेगा
(C) आधा रह जाएगा
(D) इनमें से कोई नहीं
30. यदि एक आदर्श परिनालिका को इसकी लंबाई के लम्बवत् तल से काट दिया जाय तो इसके अक्ष पर छोर पर चुम्बकीय प्रेरण होगा –
(A) μoni
(B) 2μ०ni
(C) 1/2μ०ni
(D) 4μ०ni
31. एक आमीटर का प्रतिरोध R है तथा मापन-सीमा I है। इसका मापन परास n गुना बढ़ाने के लिए समानांतर क्रम में जोड़े जाने वाले प्रतिरोध का मान है –
(A) nR
(B) (n – 1)R
(C) R / n
(D) R / n – 1
32. एक तार द्वारा एक बार वर्ग तथा दूसरी बात वृत्त बनाया जाता है। इनके केन्द्रों पर चुम्बकीय प्रेरण क्रमशः B1 तथा B2 हैं। तब B1 : B2 होगा
(A) 2√‾2 : π2
(B) 2√¯2 : π
(C) 1 : 2
(D) 2 : 1
33. जब किसी ऐमीटर को शंट किया जाता है तो इसकी माप सीमा –
(A) बढ़ती है ।
(B) घटती है
(C) स्थिर रहती है
(D) इनमें से कोई नहीं
34. क्षेत्रफल A के वृत्ताकार लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र B है। लूप का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
35. गैल्वेनोमीटर को वोल्टमीटर बनाने में जरूरत है –
(A) उच्च प्रतिरोध का
(B) निम्न प्रतिरोध का
(C) संधारित्र का
(D) प्ररण कुंडली का
36. दो गतिशील आवेशों के बीच लगता है –
(A) केवल कूलम्ब बल
(B) चुम्बकीय बल भी
(C) नाभिकीय बल
(D) इनमें से कोई नहीं
37. एक वृत्ताकार कुण्डली में 100 फेरे हैं जिनमें प्रत्येक की त्रिज्या 8.0 cm तथा प्रवाहित धारा 0.40 A है। कुण्डली के केन्द्र पर चुंबकीय क्षेत्र (प्रेरण) का परिमाण है
(A) 3.1 x 10-4 T
(B) 3.14 x 10-4 T
(C) 3.1415 x 10-4 T
(D) 3.14159 x 10-4 T
38. व्योमस्थ खींचे क्षैतिज बिजली के तार में 90A की विद्युत धारा पूर्व से पश्चिम अशा प्रवाहित हो रही है। तार से 1.5m नीचे स्थित बिन्दु पर चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण है
(A) 1.2 x 10-5 T
(B) 1.24 x 10-5 T
(C) शून्य
(D) इनमें से कोई नहीं
39. धनात्मक दिशा में B= 3000G का एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र लगाया गया है। एक आयताकार धारावाही लूप की विभिन्न स्थितियों में स्थायी संतुलन की स्थिति है –
40. चुम्बकीय क्षेत्र की विमा है –
(A) I-1 ML०T-2
(B) I०MLT-2
(C) IMLT-1
(D) IM-1L-1T-2
41. किसी आवेशित कण को चुंबकीय क्षेत्र रेखा के अनुदिश गति दी जाती है। कण पर कार्यकारी बल होगा
(A) वेग की दिशा में रवि
(B) वेग की दिशा के विपरीत
(C) वेग की दिशा के लंबवत
(D) शून्य
42. क्षेत्रफल A वाले एक वृत्ताकार लूप के केन्द्र पर चुंबकीय क्षेत्र B है। लूप का चुंबकीय आघूर्ण होगा
43. एक आवेशित कण को विराम से एकसमान चुंबकीय और विद्युतीय क्षेत्र में, जो एक-दूसरे के समांतर हैं, छोड़ा जाता है। कण की गति होगी
(A) सरल रेखा में
(B) वृत्त में
(C) हेलिक्स (helix) में
(D) साइक्लॉयड (cycloid) में
44. चुम्बकीय क्षेत्र (या चुम्बकीय प्रेरण) का S.I. मात्रक है –
(A) टेसला (T)
(B) वेबर (Wb)
(C) हेनेरी (H)
(D) फैराड (F)
45. चुम्बकीय क्षेत्र या चुम्बकीय प्रेरण की विमा है –
(A) [A-1ML०T-2]
(B) [A०MLT-2]
(C) [AM-1LT-2]
(D) इनमें से कोई नहीं
46. लम्बे सीधे चालक से I ऐम्पियर धारा प्रवाहित होने से इससे r दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र होता है –
(A) 2μ०I / 4πr
(B) μ०I / 4πr
(C) 1 / 4πμ० . I / r
(D) 4πr / 3μ०I
47. n समान फेरोंवाली तथा त्रिज्या r की एक वृत्ताकार धारावाही कुण्डली में धारा I स्थापित है, तो इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होता है –
(A) In / 2μ०r
(B) 2μ०I / 4πr
(C) μ०2I / r
(D) μ०nI / 2r
48. r त्रिज्या और n फेरों वाली किसी वृत्ताकार कुण्डली जिसमें I धारा प्रवाहित हो रही है, उसके केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण समानुपाती होता है –
(A) I और r
(B) n और r
(C) I और 1/ r
(D) I और 1/n
49. एक 5T वाला चुम्बकीय क्षेत्र बराबर होगा –
(A) 5 -Wb / m2
(B) 5 x 105 Wb / m2
(C) 5 x 10-2 Wb / m2
(D) 5 x 102
50. विधुत धारा व्यक्त करने वाली एक सीधे तार के समीप किसी बिन्दु पर चुम्बकीय-क्षेत्र अनुक्रमानुपाती होता है –
(A) तार से बिन्दु की दूरी के
(B) तार से बिन्दु की दूरी के वर्ग के
(C) दूरी के व्युत्क्रम के
(D) दूरी पर वर्ग के व्युत्क्रम के
51. दो समांतर तारों में विपरीत दिशाओं में धाराएँ प्रवाहित होती हैं। वे
(A) एक-दूसरे को विकर्षित करते हैं
(B) एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं
(C) एक-दूसरे पर कोई बल नहीं लगते हैं
(D) एक-दूसरे की धाराओं को नष्ट करते हैं
52. बॉयो सावर्त नियम का गणितीय रूप है
(A)
(B)
(C)
(D) इनमें से कोई नहीं
53. चल कुण्डली गैलवेनोमीटर के बनाने का सिद्धान्त है –
(A) धारा का चुम्बक पर प्रभाव
(B) धारा का ऊष्मीय प्रभाव
(C) धारा का रासायनिक प्रभाव
(D) चुम्बक का धारा पर प्रभाव
54. चल कुण्डली गैलवेनोमीटर में प्राप्त धारा का मान समानुपाती है –
(A) विक्षेप θ के
(B) प्रतिरोध R के
(C) चुम्बकीय क्षेत्र B के
(D) इनमें से कोई नहीं
55. सामान्य संकेतों में चल कुण्डली गैलवेनोमीटर का सुग्राहित का मान होता है –
(A) C/NBA
(B) NBA/C
(C) N2BA/C
(D) C2/NBA
56. चल कुण्डली गैलवेनोमीटर की सुग्राहिता बढ़ायी जा सकती है –
(A) कुण्डली में फेरों की संख्या घटाकर
(B) चुम्बकीय फ्लक्स को बढ़ाकर
(C) कुण्डली के क्षेत्रफल को घटाकर
(D) प्रति एकांक एठन को बढ़ाकर
57. गैलवेनोमीटर में शंट का व्यवहार किया जाता है –
(A) उसकी सुग्राहिता बढ़ाने के लिए
(B) उसका प्रतिरोध बढ़ाने के लिए
(C) विधुत-धारा के कारण उसे टूटने से बचाने के लिए
(D) उपर्युक्त में कोई भी नहीं ।
58. जब G प्रतिरोध वाले गैलवेनोमीटर को एक शंट S के समानांतर जोड़ा जाता है तो परिपथ के प्रतिरोध में होने वाली कमी होती है –
(A) G – S
(B) G2/S + G
(C) G + S
(D) G + 2S
59. G प्रतिरोध वाले गैलवेनोमीटर के समानांतर में S प्रतिरोध का शंट लगा हो, तब शंट से प्रवाहित धारा होती है –
(A) G/S + G I
(B) S + G I
(C) शून्य
(D) अनंत
60. गैलवेनोमीटर से प्रवाहित धारा होती है –
(A) G/S + G I
(B) S/S + G I
(C) शून्य
(D) अनंत
61. एक गैलवेनोमीटर का प्रतिरोध G है। गैलवेनोमीटर से मुख्य धारा का 1% ( या मुख्य धारा का 1/100) प्रवाहित होगा –
(A) G/100
(B) G/99
(C) G/90
(D) 99G/100
62. एक गैलवेनोमीटर का प्रतिरोध G है। इसमें S ओम का शंट लगाया जाता है। इसके श्रेणी में कितना प्रतिरोध जोड़ा जाय की मुख्य परिपथ में धारा का मान अपरिवर्तित रहती है ?
(A) S/G + S
(B) G/S + G
(C) G2/G + S
(D) SG/G + S
63. एक गैलवेनोमीटर को आमीटर में बदलने के लिए जोड़ा जाता है –
(A) समानांतर में निम्न प्रतिरोध
(B) श्रेणी में उच्च प्रतिरोध
(C) श्रेणी में निम्न प्रतिरोध
(D) समानांतर में उच्च प्रतिरोध
64. एक गैलवेनोमीटर को वोल्टमीटर में परिवर्तित किया जा सकता है –
(A) समानांतर में उच्च प्रतिरोध
(B) श्रेणी क्रम में उच्च प्रतिरोध
(C) श्रेणी क्रम में निम्न प्रतिरोध
(D) समानांतर क्रम में उच्च प्रतिरोध
65. एक वोल्टमीटर को आमीटर में बदला जा सकता है –
(A) इसके समानांतर में उच्च प्रतिरोध को जोड़कर
(B) इसके श्रेणी क्रम में उच्च प्रतिरोध को जोड़कर
(C) इसके समानांतर क्रम में निम्न प्रतिरोध को जोड़कर
(D) इसके श्रेणी क्रम में निम्न प्रतिरोध को जोड़कर
66. एक आदर्श आमीटर का प्रतिरोध होता है –
(A) कम
(B) अधिक
(C) अनंत
(D) शून्य
67. एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध होता है –
(A) कम
(B) अधिक
(C) अनंत
(D) शून्य
68. एक वोल्टमीटर प्रतिरोध R ओम एवं V वोल्ट है। इसका मापन परास n गुना बढ़ाने के लिए इसके श्रेणी में जोड़े जाने वाले प्रतिरोध का मान है –
(A) nR
(B) (n – 1)R
(C) R/n
(D) R/n – 1
69. चुम्बकीय बल क्षेत्र का S.I. मात्रक होता है
(A) वेबर
(B) टेसला
(C) गॉस
(D) इनमें से कोई नहीं
70. किसी ऊर्ध्वाधर तार में विद्युत धारा का प्रवाह नीचे से ऊपर की ओर हो रहा है। यदि किसी इलेक्ट्रॉन पुंज को क्षैतिजतः तार की ओर भेजा जाय तो उसमें विक्षेप होगा –
(A) दाहिनी तरफ
(B) ऊपर की ओर
(C) नीचे की ओर
(D) बायीं तरफ
71. एक आवेश ‘q’ विद्युत क्षेत्र ‘E’ तथा चुम्बकीय क्षेत्र ‘B’ की संयुक्त उपस्थिति में गतिमान हो, तो उस पर लगने वाला बल होगा –
(A) q ( x )
(B) q
(C) q { + ( x ) }
(D) q { + ( x ) }