SOCIOLOGY

Class 12th Sociology ( समाज-शास्त्र ) ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART – 5


Q. 121. भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था से क्या तात्पर्य है ?

Ans ⇒ भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया गया है। इसमें निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों का ही अस्तित्व है। निजी क्षेत्र में छोटे और बड़े दोनों प्रकार के उद्यम सम्मिलित हैं। कृषि, आवास, निर्माण से संबंधित कार्य, उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन आदि निजी क्षेत्रों में है। सार्वजनिक क्षेत्र में बैंक, बीमा कंपनियाँ, इस्पात संयंत्र, भारी इंजीनियरिंग उद्योग, रेल, डाक व्यवस्था आदि सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं। टाटा, अंबानी, बिड़ला, सिंघानिया आदि निजी क्षेत्र के प्रमुख उत्पादक हैं। योजना काल के दौरान भारत में पर्याप्त औद्योगिक विस्तार हुआ है। सार्वजनकि क्षेत्र ने देश में उद्योग का आधारभूत ढाँचा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार द्वारा सिंचाई, बिजली, सड़कें, पुल, बाँध, इस्पात, कारखाने, खानों का विकास, हवाई अड्डों का निर्माण आदि सार्वजनिक क्षेत्र में किए गए हैं परंतु अब विनिवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है और निजीकरण की गतिविधियाँ तेज हो रही हैं।


Q. 122. भारतीय संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का वर्णन कीजिए और उनकी सूची बनाइए।

Ans ⇒ भारतीय संविधान में नागरिकों को निम्नलिखित मौलिक अधिकार दिए गए हैं :
1. समानता का अधिकार : भारत में जाति, लिंग, जन्म-स्थान तथा वर्ग आदि का भेदभाव किए बिना सभी को समानता का अधिकार दिया गया है। भारत जैसे विषमताओं वाले देश में इस अधिकार का बड़ा महत्व है।

2. स्वतंत्रता का अधिकार : भारत में नागरिकों को भाषण देने की, समुदाय बनाने की, आवागमन की, निवास करने आदि की पूर्ण स्वतंत्रता है।
3. सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक अधिकार : भारत में प्रत्येक नागरिक को अपनी भाषा एवं संस्कृति का विकास करने की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है।
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार : भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है अतः उसके नागरिकों को किसी भी धर्म का अनुसरण करने का अधिकार है।
5. शोषण के विरुद्ध अधिकार : भारतीय संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे का शोशण नहीं कर सकता। यहाँ बेगार लेने, 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को कारखाने में रखने, स्त्रियों और बच्चों को खरीदने-बेचने आदि की मनाही है।
6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार : भारत में कोई भी नागरिक अपने अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी न्यायालय की शरण ले सकता है।


Q. 123. धर्मनिरपेक्षीकरण से आप क्या समझते हैं ? अथवा, धर्मनिरपेक्षता क्या है ?

Ans ⇒ शाब्दिक रूप से धर्मनिरपेक्षता का अर्थ होता है-समानता की भावना। इस प्रकार धर्मनिरपेक्षता का तात्पर्य सभी धर्मों के प्रति समानता की भावना से है। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ केवल यह होता है कि राज्य द्वारा किसी विशेष धर्म को संरक्षण नहीं दिया जाता। देश के सभी नागरिक अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को मानने और उसके विश्वासों के अनुसार व्यवहार करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। डॉ० आर० एन० सक्सेना के अनुसार, “धर्मनिरपेक्षता वह नीति है जो धार्मिक सहिष्णुता, समानता और भाईचारे पर आधारित होती है। यह सभी नागरिकों को उनकी जाति, धर्म, लिंग और विश्वासों पर विचार किये बिना सभी को अपने धर्म के अनुसार आचरण करने की स्वतंत्रता देती है।


Q.124. भारतीय समाज में लिंग-भेद के परिणामों की चर्चा करें।

Ans ⇒ भारतीय समाज में लिंग-भेद के कारण स्त्री-पुरुष का अनुपात असामान्य हो जायेगा। इसके कारण बहुपति विवाह, यौनाचार तथा यौन अपराध में वृद्धि होगी। निर्धन लड़कों का विवाह नहीं हो पायेगा। लड़कियाँ खरीद-बिक्री की वस्तु बन जायेगी। गरीब लोग अपनी लड़कियों को बेचेंगे। बेटी बेचनेवालों की संख्या में वृद्धि होगी।


Q.125. भ्रूण हत्या पर टिप्पणी लिखें।

Ans ⇒ बच्चों को माँ के गर्भ में ही मार देना भ्रूण हत्या कहलाता, है। लोग गर्भ में ही बच्चे के लिंग का परीक्षण करवा. लेते हैं। यदि बच्चा लड़की होती है तो उसकी हत्या करवा दी जाती है। यह एक जघन्य अपराध है। इसे रोकने के लिए सरकारी कानून है। फिर भी बड़े पैमाने पर भ्रूण हत्या हो रही है। पूर्ण रूप से इसे रोकने के लिए कानून के साथ-साथ जनचेतना लाना भी आवश्यक है। भ्रूण हत्या के कारण बालिकाओं की संख्या में तेजी से गिरावट हुई जो जनसंख्या असंतुलन को जन्म दे रही है।


Q. 126. चिपको आंदोलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

Ans ⇒ चिपको आंदोलन पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित आन्दोलन है। इसका नेतृत्व सुन्दरलाल बहुगुणा ने किया। इस आंदोलन के समर्थक पेड़ काटने से लोगों को मना करते थे। नहीं मानने पर वे पेड़ से चिपक जाते थे ताकि पेड़ काटा नहीं जा सके। इसी कारण इस आन्दोलन को चिपको आन्दोलन कहा जाता है।


Q. 127. निजीकरण से आप क्या समझते हैं ?

Ans ⇒ निजीकरण का मतलब निजी क्षेत्र द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से स्वामित्व प्राप्त करना तथा उनका प्रबन्ध करना है। सन् 1991 से भारत सरकार ने आर्थिक सुधारों के अंतर्गत निजीकरण की नीति अपनायी। निजीकरण का संबंध वैश्वीकरण तथा उदारीकरण से है।


Q. 128. सरपंच पर टिप्पणी लिखें।

Ans ⇒ सरपंच ग्राम पंचायत के न्यायपालिका अर्थात् ग्राम कचहरी का प्रधान होता है। यह ग्राम पंचायत के मतदाताओं द्वारा बहुमत के आधार पर प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित किया जाता है। इसका कार्यकाल पाँच साल का होता है। यह गाँव के झगड़े, फसाद आदि का निबटारा करता है।


Q. 129. प्रभु जाति किसे कहते हैं ?

Ans ⇒ प्रभु जाति की अवधारणा एम० एम० श्रीनिवास ने दी है। इनके अनुसार किसी क्षेत्र विशेष में हम इस जाति को प्रभु जाति कहते हैं जिसकी संख्या शक्ति अधिक होने के साथ ही उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के कारण उसे सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा प्राप्त हो जाती है। यह प्रभ जाति आवश्यक रूप से कोई उच्च जाति नहीं होती, बल्कि अहीर, जाटव, गुर्जर जैसी पिछड़ी जातियाँ भी प्रभु जाति हो सकती है। जाति व्यवस्था के परंपरागत संस्करण में इन जातियों का स्थान बहुत नीचा होने के बाद भी आज एक शक्तिशाली आर्थिक और राजनीतिक वर्गों के रूप में बदल गयी हैं।


Q. 130. विकलांगता क्या है ?

Ans ⇒ विकलांग लोगों के कल्याण के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक प्रयत्न करने के बाद भी विकलांग व्यक्ति की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं दी जा सकी। सामान्य रूप से यह कहा जा सकता है विकलांग व्यक्ति वह है जो शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम होने के कारण एक सामान्य व्यक्ति से कुछ भिन्न होता है। यह शारीरिक और मानसिक अक्षमता पूर्ण भी हो सकती है तथा अपूर्ण भी। अतः देखने, चलने, बोलने तथा अनुभव करने से संबंधित किसी भी दोष के कारण जब व्यक्ति का जीवन पूर्णता सामान्य नहीं होता तब ऐसे व्यक्ति को हम विकलांग व्यक्ति कहते हैं।


Q. 131. पंचायती राज का अर्थ बताइए।

Ans ⇒ पंचायती राज एक विशेष व्यवस्था है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जनता द्वारा निर्वाचित सदस्यों द्वारा स्वशासन करना तथा राज्य सरकार को सहायता देना है। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के आधार पर अब सभी राज्यों में पंचायती राज संस्थाओं की संरचना में काफी समानता देखने को मिलती है। यह त्रिस्तरीय व्यवस्था है। ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, प्रखण्ड स्तर पर पंचायत समिति तथा जिला स्तर पर जिला परिषद्। सभी स्तरों पर पंचायतों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा पिछड़े वर्ग और महिलाओं के लिए स्थान सुरक्षित किये गये हैं।


Q. 132. क्षेत्रवाद की विशेषताओं का उल्लेख करें।

Ans ⇒  क्षेत्रवाद की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –

1. क्षेत्रवाद स्थानीय देशभक्ति का एक विघटित रूप है जिसमें सम्पूर्ण देश की तुलना में एक विशेष क्षेत्र के हितों को अधिक महत्त्वपूर्ण समझा जाता है।
2. क्षेत्रीय नेतृत्व के द्वारा नियोजित रूप से क्षेत्रीय भावनाओं का प्रसार किया जाता है।
3. क्षेत्रवाद में पक्षपात का समावेश होता है।
4. इस मनोवृत्ति में एक विशेष क्षेत्र को एक पृथक राजनीतिक तथा सामाजिक इकाई के रूप में देखा जाता है।
5. सांस्कृतिक विरासत में भिन्नता होने से इसके प्रभाव में भी वृद्धि होती है।
6. क्षेत्रवाद का सीधा संबंध राजनीतिक और सरकार में प्रतिनिधित्व से है।
7. क्षेत्रवाद का आधार यह निर्मूल विश्वास भी है कि क्षेत्रीय आधार पर संगठित हुए बिना उस क्षेत्र को सरकार द्वारा अधिक सुविधाएँ प्राप्त नहीं हो सकतीं।


Q. 133. साप्ताहिक बाजार पर टिप्पणी लिखें। अथवा, साप्ताहिक बाजार के लाभ का उल्लेख करें।

Ans ⇒ सर्वप्रथम एल्फ्रेड गेल ने साप्ताहिक बाजार की चर्चा की। साप्ताहिक बाजार जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है। सप्ताह में एक बार लगने वाला बाजार है जो गाँव या कस्बा में लगता है। इसमें सब्जी तथा रोजमर्रा की उपयोग होनेवाली वस्तु मिलती है। यह गाँव के बाहरी हिस्सों में लगाया जाता है। इसमें क्रेता और विक्रेता दोनों निम्न या मध्यम वर्ग के लोग होते हैं। यहाँ मिलने वाली वस्तुएँ सस्ती होती है, क्योंकि इन वस्तुओं पर कर नहीं लगाया जाता है।


Q. 134. जनजातियों में गरीबी के कारणों का उल्लेख करें।

Ans ⇒ जनजातियों की मुख्य समस्या गरीबी है जिसके निम्न कारण है –

1. कुटीर उद्योगों का पतन
2. खेती का पिछड़ापन
3. भूमि निष्कासन की समस्या
4. वन अधिकारियों द्वारा शोषण
5. पुनर्वास की समस्या।


Q. 135. वर्ग व्यवस्था से आप क्या समझते हैं ?

Ans ⇒ वास्तव में वर्ग व्यवस्था आर्थिक विभेदीकरण का मुख्य आधार है। आज के विकासशील समाजों में जो व्यक्ति जितना अधिक योग्य है। उसका उत्पादन के साधनों पर उतन ही अधिक अधिकार होता जा रहा है। इस प्रकार वर्ग का तात्पर्य लोगों के ऐसे समूह से होत है जिन्हें सम्पत्ति, आय, व्यवसाय, शिक्षा और प्रभाव के आधार पर दूसरे समूहों से पृथक किया जा सकता है। वर्ग व्यवस्था में व्यक्तियों समाज में जो भी प्रस्थिति मिली होती है वह स्वयं उसी के द्वारा अर्जित की जाती है।


Q. 136. संयुक्त परिवार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

Ans ⇒ एक सामाजिक संस्था के रूप में संयुक्त परिवार भारत की प्राचीन विशेषता रही है। यह परिवार का वह रूप है, जिसमें माता-पिता अपने विवाहित पुत्रों और पौत्रों के साथ रहते हैं। इरावती कार्वे ने संयुक्त परिवार को परिभाषित करते हुए कहा है, “संयुक्त परिवार ऐसे व्यक्तियों का समूह है जो एक ही घर में रहते हैं, एक ही रसोई में बना भोजन करते हैं, जिनकी सम्पत्ति संयुक्त होती है, पूजा-उपासना में मिल-जुलकर हिस्सा लेते हैं तथा किसी-न-किसी रूप में एक-दूसरे के रक्त संबंधी होते हैं।”


Q.137. माल्थस के अनुसार जनसंख्या वृद्धि किस प्रकार नियंत्रित की जा सकती है ?

Ans ⇒ माल्थस के अनुसार कृत्रिम निरोधों द्वारा जैसे कि बड़ी उम्र में विवाह करके या यौन संयम रखकर अथवा ब्रह्मचर्य का पालन करके सीमित संख्या में बच्चे पैदा करके जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है। माल्थस के अनुसार अकालों व बीमारियों के कारण जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सकता है, क्योंकि इन अकालों से होने वाली लोगों की मृत्यु, के द्वारा खाद्य आपूर्ति व जनसंख्या में संतुलन कायम किया जा सकता है।


Q.138. किन-किन देशों में स्त्री-पुरुष अनुपात घटता जा रहा है ? इसके दो कारण बताइए।

Ans ⇒ चीन, दक्षिण कोरिया व भारत जैसे देशों में स्त्री-पुरुष अनुपात घटता जा रहा है। इसके कई कारण हैं, जिसमें से दो प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
(i) पुरुषों को स्त्रियों की तुलना में अधिक महत्त्व देना
(ii) बेटों की अपेक्षा बालिका शिशुओं को अधिक उपेक्षा करना।


Q. 139. ग्रामीण लोगों द्वारा गाँवों से शहरों की ओर आकर्षित होने के दो कारण बताइए।

Ans ⇒  (i) ग्रामीण लोग परिवहन सेवा, व्यवसाय या शिल्प निर्माण जैसे खेती से अलग ग्रामीण व्यवसायों को अधिक धन आपूर्ति के लिए अपनाते जा रहे हैं।
(ii) संचार साधनों द्वारा नगरीय क्षेत्रों की सुख-सुविधाओं से परिचित हो जाने के कारण भी गाँव के लोग शहरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।


Q. 140. जातियों के कठोर नियम बनाए जाने के क्या कारण हैं ?

Ans ⇒ जाति के अधिकांश धर्मग्रंथसम्मत नियमों की रूपरेखा जातियों को मिश्रित होने से बचाने के लिए बनाई गई है। प्रत्येक जाति का समाज में एक विशिष्ट स्थान के साथ-साथ एक श्रेणी-क्रम भी होता है। शादी, खान-पान, व्यवसाय जातियों के नियमों में शामिल होते हैं।


Q.141. जनजाति और जाति के मध्य अंतर किस सांस्कृतिक अंतर पर आधारित था ?

Ans ⇒ जनजाति और जाति के बीच के अंतर को दर्शाने वाला तर्क शुद्धता या शुचिता तथा अशुद्धता या अशुचिता और अधिक्रमिक एकीकरण में विश्वास रखने वाली हिन्दू जातियों और अपेक्षाकृत अधिक समतावादी और बंधुता आधारित सामाजिक संगठन की रीतियों वाली जीववादी जनजातियों के बीच माने गए सांस्कृतिक अंतर पर आधारित था।


Q.142. भारत में उन राज्यों के नाम बताइए जहाँ जनजातीय लोगों की दशा बिगड़ती जा रही है।

Ans ⇒ भारत में सबसे अधिक प्रभाव पूर्वोत्तर क्षेत्र में पड़ा है। त्रिपुरा में जनजातीय लोगों | की संख्या में भारी कमी आई है। यहाँ जनजातीय लोगों की संख्या घटकर आधी रह गई है।
अरुणाचल प्रदेश में भी यही स्थिति है। वहीं झारखंड के औद्योगिक इलाकों में वहाँ की जनसंख्या । में भी जनजातीय अनुपात कम हो गया है।


Q. 143. जनजातीय आंदोलनों को बढ़ावा देने में किन्हीं दो मुद्दों के बारे में बताएं। अथवा, ऐसे दो मुद्दे बताएँ जिनके कारण जनजातीय आंदोलनों को तूल मिला है।

Ans ⇒ एक प्रकार के मुद्दे वे हैं जो भूमि तथा विशेष रूप से वनों जैसे अत्यन्त महत्त्वपूर्ण आर्थिक संसाधनों पर नियंत्रण से संबंधित हैं। इस प्रकार के मुद्दों का संबंध नृजातीय-सांस्कृतिक पहचान के मामलों से है।


Q. 144. मातृवंशीय समाज और पितृवंशीय समाज में अंतर स्पष्ट करें।

Ans ⇒ पितृवंशीय समाज में जायदाद पिता से पुत्र को मिलती है, जबकि मातृवंशीय समाज में माँ से बेटी को। पितृतंत्रात्मक परिवार संरचना में पुरुषों की सत्ता का प्रभुत्व होता है। इसके विपरीत, मातृतंत्रात्मक परिवार में स्त्रियाँ समान प्रभुत्वकारी भूमिका निभाती हैं।


Q. 145. ‘बाजार’ शब्द का अर्थ समझाइए।

Ans ⇒ बाजार एक क्षेत्र या व्यापार या कारोबार की श्रेणी से संबंध रखता है, जैसे–कारों या कपड़ों का बाजार। यह विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाओं और संस्थाओं को भी इंगित करता है। बाजार एक आर्थिक तथा सामाजिक संस्था भी है।


Q. 146. एडम स्मिथ के बाजारी अर्थव्यवस्था के तर्क के बारे में बताइए।

Ans ⇒ राजनीतिक अर्थशास्त्रियों में एडम स्मिथ सर्वाधिक प्रचलित थे जिन्होंने बाजारी अर्थव्यवस्था को अपनी किताब ‘द वेल्थ ऑफ नेशन्स’ में समझाया। उनका तर्क था कि बाजारी अर्थव्यवस्था व्यक्तियों में आदान-प्रदान या सौदों का एक लंबा क्रम है जो अपनी क्रमबद्धता की वजह से स्वयं एक कार्यशील और स्थिर व्यवस्था की स्थापना करती है।


Q. 147. उपनिवेश से प्रभावित तमिलनाडु के नाटूकोटाई चेट्टीयारों समुदाय का उल्लेख कीजिए।

Ans ⇒ उपनिवेश के दौरान इस समुदाय की परिवार संरचना, जाति, नातेदारी व्यापार के अनुकूल थी। व्यापार इन्हीं सामाजिक संरचनाओं के मध्य ही होता था। इन समुदायों के बैंक भी उनके संयुक्त पारिवारिक संस्थान थे ताकि व्यापारिक संस्थान की संरचना भी परिवार के समान रहे। इस प्रकार इनकी व्यापारिक और बैंकिंग गतिविधियाँ जाति और नातेदारी संबंधों के माध्यम से संगठित थीं। इस प्रकार उपनिवेश काल से इस समुदाय के व्यापारिक तरीकों में बदलाव आया।


Q. 148. कार्ल मार्क्स की पूँजीवाद के लिए विचारधारा का उल्लेख कीजिए।

Ans ⇒ मार्क्स ने पूँजीवाद को पण्य उत्पादन या बाजार के लिए उत्पादन करने की व्यवस्था के रूप में समझा, जो कि श्रमिक की मजदूरी पर आधारित है। मार्क्स के अनुसार सभी आर्थिक व्यवस्थाएँ सामाजिक व्यवस्थाएँ भी हैं। हर. उत्पादन विधि उत्पादन संबंधों से बनती है और एक विशिष्ट वर्ग संरचना से बनती है।


Q.149. भूमंडलीकरण के अंतर्गत किन-किन का परिचालन होता है ?

Ans ⇒ भूमण्डलीकरण के अंतर्गत पूँजी एवं वस्तुओं का ही नहीं, सांस्कृतिक उत्पादों का भी विश्व भर में प्रचालन होता है। यह विनिमय यानि आदान-प्रदान के नए दायरों से प्रवेश करती है और नए बाजारों का निर्माण करती है। उत्पाद, सेवाएँ और सांस्कृतिक तत्व भी इसके हिस्से हैं।


Q. 150. पुष्कर मेले के बारे में बताइए।

Ans ⇒  पुष्कर एक वार्षिक मेला है जो राजस्थान में लगता है। इस मेले में स्थानीय लोग अथवा दूर-दराज के लोग पशुओं, जैसे-ऊँटों व अन्य पशुओं को बेचने और खरीदने आते हैं। यह मेला पर्यटकों के लिए काफी आकर्षण का कारण है, क्योंकि यह कार्तिक पूर्णिमा के ठीक पहले आता है जब हिन्दू तीर्थयात्री पवित्र पुष्कर तालाब में नहाते हैं।


S.NClass 12th Sociology ( लघु उत्तरीय प्रश्न )
1.Sociology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 1 
2.Sociology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 2
3.Sociology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 3
4.Sociology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 4
5.Sociology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 5
6.Sociology ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART- 6
S.NClass 12th Sociology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) 
1.Sociology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 1 
2.Sociology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 2
3.Sociology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 3
4.Sociology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 4
5.Sociology ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 5

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