Class 12th Geography लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर ( 20 Marks ) PART – 1
1. मानव भूगोल को परिभाषित कीजिए। (Define human Geography.)
उत्तर – मानव भूगोल भौतिक/प्राकृतिक एवं मानवीय जगत के बीच संबंध, मानवीय परिघटनाओं का स्थानिक वितरण तथा उनके घटित होने के कारण एवं विश्व के विभिन्न भागों में सामाजिक और आर्थिक विभिन्नताओं का अध्ययन करता है। इसमें मानव और प्रकृति के बीच सतत परिवर्तनशील पारस्परिक क्रिया से उत्पन्न सांस्क लक्षणों की स्थिति एवं वितरण का . अध्ययन किया जाता है।
2. मानव भूगोल किस प्रकार अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंधित हैं ? (How is human geography related to other social sciences ?)
उत्तर — मानव भूगोल के अंतर्गत मानव के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और जनांकिकीय विशेषताओं का अध्ययन होता है। इन विशेषताओं का अध्ययन विशेष रूप से क्रमशः समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र और जनांकिकी में किया जाता है। इस प्रकार मानव भूगोल इन विषयों से संबंधित है।
3. मानव विकास के दो मूलभूत क्षेत्र कौन से हैं ? (What are the two basic areas of human development ?)
उत्तर – मानव विकास के मूलभूत क्षेत्र हैं—स्वास्थ्य, शिक्षा और संसाधन तक पहुँच। इन क्षेत्रों में लोगों की क्षमताओं के विकास से लोगों के विकल्पों में वृद्धि होती है, जिससे मानव का विकास होता है। स्वास्थ्य का मूल्यांकन जन्म के समय जीवन-प्रत्याशा है। उच्चतर जीवन प्रत्याशा का अर्थ है कि लोगों के पास अधिक दीर्घ और अधिक स्वस्थ जीवन जीने के ज्यादा अवसर हैं। प्रौढ़ साक्षरता दर और सकल नामांकन अनुपात ज्ञान (शिक्षा) तक पहुँच को प्रदर्शित करते हैं। संसाधनों तक पहुँच क्रयशक्ति पर निर्भर करता है।
4. चार तृतीयक आर्थिक क्रियाकलापों का उल्लेख कीजिए। (Mention four tertiary economic activities.)
उत्तर – तृतीयक कार्यकलाप वह कार्यकलाप हैं. जो किसी मूर्त वस्तु का उत्पादन न कर केवल सेवा प्रदान करता है, इसमें मिस्त्री, प्लंबर, रसोइया, वकील, शिक्षक आदि के व्यवसाय सम्मिलित हैं। व्यापार, परिवहन, संचार, प्रशासन, मनोरंजन संबंधी कार्य और सेवाएँ कुछ अन्य तृतीयक कार्यकलाप हैं। वास्तव में, तृतीयक कार्यकलाप सेवाएँ हैं।
5. मानव विकास सूचकांक के आधार पर देशों का वर्गीकरण किस प्रकार किया जाता है ? (How are countries classified on the basis of human development index ?)
उत्तर – मानव विकास सूचकांक (HDI) स्वास्थ्य, शिक्षा और संसाधनों तक पहुँच जैसे प्रमुख क्षेत्रों में उपलब्धि के आधार पर देशों का क्रम तैयार करता है। यह क्रम 0 से 1 के बीच के स्कोर पर आधारित होता है। मानव विकास प्रतिवेदन, 2005 ने अर्जित मानव विकास स्कोर के आधार पर देशों को निम्न तीन समूहों में वर्गीकृत किया है –
मानव विकास का स्तर | सूचकांक का स्कोर | देशों की संख्या |
उच्च | 0.8 से ऊपर | 57 |
मध्यम | 0.5 से 0.799 तक | 88 |
निम्न | 0.5 से नीचे | 32 |
6. मानव विकास के चार स्तंभ कौन से हैं ? (What are the four pillars of human development ?)
उत्तर – मानव विकास के चार प्रमुख स्तंभ या घटक हैं — समता (Equity), सतत पोषणीयता (Sustainability), उत्पादकता (Productivity) और सशक्तिकरण (Empowerment)। समता का अर्थ है कि लोगों को लिंग, प्रजाति, आय, इत्यादि के भेदभाव के विचार के बिना उपलब्ध अवसरों तक पहुँच समान होना चाहिए। पोषणीयता का अर्थ है, अवसरों की उपलब्धता में निरंतरता, जिससे प्रत्येक पीढ़ी को समान अवसर मिले। उत्पादकता का अर्थ है लोगों में क्षमताओं का निर्माण करके मानव श्रम उत्पादकता में वृद्धि करना। सशक्तिकरण का अर्थ है अपने विकल्प चुनने के लिए शक्ति प्राप्त करना।
7. मानव विकास के संबंध में कल्याण उपागम क्या है ? (What is welfare method of human development ?)
उत्तर – मानव विकास के कल्याण उपागम के अनुसार मानव सभी विकासात्मक गतिविधियों का लक्ष्य है। कल्याण उपागम मानव विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और , सुख-सुविधाओं पर उच्च सरकारी व्यय का समर्थन करता है।
8. निश्चयवाद क्या है ? (What is determinism ?)
उत्तर – निश्चयवाद, पर्यावरणीय निश्चयवाद या नियतिवाद एक पुरानी विचारधारा है। इसके अनुसार विकास की प्रारंभिक अवस्था में मानव प्राकृतिक वातावरण से अधिक प्रभावित हआ और उन्होंने प्रकृति के आदेशों के अनुसार अपने आपको ढाल लिया। इसका कारण यह है कि मानव के सामाजिक विकास की अवस्था आदिम थी और प्रौद्योगिकी का स्तर अत्यन्त निम्न था। उस अवस्था में मानव प्रकृति को सुनता था, उसकी प्रचंडता से भयभीत होता था और उसकी पजा करता था। इसमें मनुष्य का स्थान गौण था।
9. संभववाद क्या है ? (What is possibilism ?)
उत्तर – संभववाद – इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में मर्थ है तथा वह प्रकृतिदत्त अनेक संभावनाओं का इच्छानुसार अपने लिए उपयोग कर सकता है। मानव एवं पर्यावरण के परस्पर संबंध में यह विचारधारा मानव केंद्रित है।
10. जन्म दर एवं मृत्यु दर के बीच अंतर करें। (Differentiate between birth rate (fertility) and death rate (mortility).)
उत्तर – किसी देश में एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्ति पर जन्म लेने वाले जीवित बच्चों की संख्या को जन्म दर और मरने वाले लोगों की संख्या को मृत्युदर कहते हैं। यदि जन्म दर मृत्यु दर से अधिक है तो जनसंख्या में वृद्धि होती है और यदि जन्म दर मृत्यु दर से कम है तो जनसंख्या में ह्रास होता है। जन्म दर में केवलं जन्म लेने वाले बच्चे को सम्मिलित किया जाता है, किन्तु मृत्यु दर में सभी आयु की जनसंख्या को सम्मिलित किया जाता है।
11. जनसंख्या के ग्रामीण नगरीय संघटन का वर्णन कीजिए। (Describe rural-urban composition ofpopulation.)
उत्तर – जनसंख्या का ग्रामीण तथा नगरीय वर्गों में विभाजन लोगों के निवास स्थान के आधार पर होता है। ग्रामीण जनसंख्या वह जनसंख्या है जो गाँवों में निवास करती है और उनका मुख्य व्यवसाय कृषि अथवा प्राथमिक क्रिया-कलाप हैं। इसके विपरीत, नगरीय जनसंख्या नगरों में निवास करती है और वह गैर प्राथमिक व्यवसाय में संलग्न रहती है।
12. नगरीय जनसंख्या क्या होती है ? (What is urban population?).
उत्तर – नगरीय जनसंख्या वह जनसंख्या है जो नगरों में निवास करती है और वह गैर-प्राथमिक व्यवसाय में संलग्न रहती है। नगरीय जनसंख्या की मुख्य विशेषताएँ उच्च वृद्धि दर, . उच्च घनत्व, उच्च शिक्षा का स्तर तथा निम्न लिंग अनुपात है।
13. जनसंख्या संघटन से आप क्या समझते हैं? (What do you mean by population composition?)
उत्तर – जनसंख्या संघटन या जनांकिकी संरचना जनसंख्या की उन विशेषताओं को कहा जाता है, जिनकी माप की जा सके तथा जिनकी मदद से दो भिन्न प्रकार के व्यक्तियों के समूहों में अन्तर स्पष्ट किया जा सके। आयु, लिंग, साक्षरता, शिक्षा, व्यवसाय, जीवन-प्रत्याशा, निवास-स्थान (ग्रामीण, नगरीय) इत्यादि ऐसे महत्त्वपूर्ण घटक हैं, जो जनसंख्या के संघटन को प्रदर्शित करते हैं।
14. आयु-संरचना का क्या महत्त्व है? (What is the significance of age structure ?)
उत्तर – विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को आयु संरचना कहते हैं। इससे किसी देश की कार्यशील और आश्रित जनसंख्या के अनुपात का ज्ञान होता है, जो विकास योजनाओं को बनाने में सहायता करता है। विभिन्न आयु वर्गों के आकार एक जनसंख्या से दूसरी जनसंख्या तथा समयानुसार बदलते रहते हैं। यदि जनसंख्या में बच्चों और बालकों (0-14 वर्ष) की संख्या अधिक है, तो पराश्रितता अनुपात अधिक होगा। 15 से 59 आयु वर्ग के बीच जनसंख्या का बड़ा आकार एक विशाल कार्यशील जनसंख्या को इंगित करता है। 60 वर्ष से अधिक आयु वाली जनसंख्या का एक बड़ा अनुपात उस वृद्ध जनसंख्या को प्रदर्शित करता है, जिसकी स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के लिए अधिक खर्च की आवश्यकता है। इसी प्रकार यवा जनसंख्या के उच्च अनपात का अर्थ है कि उस क्षेत्र में जन्म दर ऊँची है और जनसंख्या युवा है।
15. जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले जलवायु कारकों को लिखें। (Write the climatie factors responsible for distribution of population.)
उत्तर – जनसंख्या के वितरण को भौतिक, आर्थिक और सामाजिक सांस्कृतिक कारक प्रभावित करते हैं। भौतिक कारकों में जलवायु महत्त्वपूर्ण हैं। सुविधाजनक जलवायु वाले क्षेत्र जिनमें अधिक मौसमी परिवर्तन नहीं होते अधिक लोगों को आकृष्ट करते हैं। मानव विकास के अनुकूल जलवायु के कारण शीतोष्ण, मानसूनी और भूमध्यसागरीय क्षेत्र सघन आबाद हैं। इसके विपरीत, असुविधाजनक अत्यधिक ठंढे, अत्यधिक गर्म, अधिक वर्षा और विषम जलवायु के क्षेत्रों में कम जनसंख्या पायी जाती है। आमेजन बेसिन, कांगो बेसिन और अन्य विषुबतरेखीय क्षेत्रों में भयंकर गर्मी और सालोंभर अधिक वर्षा के कारण अनेक बीमारियों की संभावना बनी रहती है। अधिक गर्म सहारा, कालाहारी, अरब और अन्य मरुस्थलों में भयंकर गर्मी पड़ती है और जीवन कठिन हो जाता है। ध्रुवीय ठंढे क्षेत्रों में भी अत्यधिक ठंढक पड़ती है और जीवन दूभर हो जाती है। अतः इन क्षेत्रों में कम जनसंख्या पायी जाती है।
16. स्वच्छंद उद्योग क्या है? (What is foot loose industry ?)
उत्तर – स्वच्छंद उद्योग उस हल्के उद्योग को कहा जाता है जो अवस्थिति का चुनाव करने में अपेक्षाकृत स्वतंत्र होते हैं और परंपरागत कारकों पर आधारित नहीं होते हैं। ये व्यापक विविधता वाले स्थानों में स्थित होते हैं। ये किसी विशिष्ट कच्चे-माल पर निर्भर नहीं रहते हैं, बल्कि संघटक पुरजों (components) पर निर्भर रहते हैं जो कहीं से भी प्राप्त किए जा सकते हैं। इसमें उत्पादन कम मात्रा में होता है एवं श्रमिकों की भी कम आवश्यकता होती है। सामान्यतः ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते, अतः इन्हें आवासीय क्षेत्र के निकट लगाया जा सकता है। ऊर्जा की आवश्यकता सामान्यतः बिजली के रूप में राष्ट्रीय ग्रिड से पूरी होती है। अंतिम उत्पाद छोटा होता है और आसानी से परिवहन के योग्य होता है। इसकी अवस्थिति सड़क मार्गों के निकट होना आवश्यक है।
17. उपभोक्ता वस्तु उद्योग को उदाहरण सहित परिभाषित कीजिए। (Define consumer goods industry with examples.)
उत्तर – उपभोक्ता वस्तु उद्योग ऐसे सामान का उत्पादन करते हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ता द्वारा उपभोग कर लिया जाता है। उदाहरण के तौर पर रोटी (ब्रेड) एवं बिस्कुट, चा लिखने के लिए कागज, टेलीविजन एवं श्रृंगार के सामान इत्यादि का उत्पादन करने वाले उपभोक्ता वस्तु उद्योग कहलाते हैं। इन्हें गैर-आधारभूत उद्योग भी कहा जाता है।
18. उपभोक्ता वस्तु उद्योग तथा उत्पादक के वस्तु (आधारभूत) उद्योग में अंतर बताइये। (Differentiate between consumer goods industries and basic industries.)
उत्तर – उपभोक्ता वस्तु उद्योग ऐसे सामान का उत्पादन करते हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ता द्वारा उपभोग कर लिया जाता है, जैसे—ब्रेड, बिस्कुट, साबुन, चाय इत्यादि। इसके विपरीत उत्पादक वस्तु उद्योग ऐसे सामानों का उत्पादन करते हैं, जो अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं, जैसे लोहा-इस्पात उद्योग, भारी मशीनरी उद्योग इत्यादि।
19. अंतरिक्ष प्रयोगशाला के बारे में आप क्या जानते हैं ? (What do you mean by space Laboratory.)
उत्तर – अंतरिक्ष प्रयोगशाला का संबंध कृत्रिम उपग्रह से है और उपग्रह से होने वाले संचार को उपग्रह संचार कहते हैं। संसार में अंतरिक्ष प्रयोगशाला का प्रारंभ तत्कालिन सोवियत संघ के द्वारा 4 अक्टूबर, 1957 को कृत्रिम उपग्रह स्पूतनिक के छोड़े जाने के साथ हुआ।
इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह स्थापित किए। भारत ने भी अंतरिक्ष में संचार और संसाधनों के सर्वेक्षण के लिए आर्यभट्ट, भास्कर-1, रोहिणी, एप्पल, इंसेट-1 ए, बी और सी इत्यादि उपग्रह स्थापित किए हैं। अंतरिक्ष में उपग्रहों की स्थापना से तत्काल संसार के कोने-कोने से संचार संपर्क बनाने में सफलता मिली। इन्हीं के सहारे आज गाँव-गाँव में टेलीफोन लग गए हैं और मोबाइल सेवा उपलब्ध है। इन उपग्रहों ने लंबी दूरी के संचार के अतिरिक्त दूरदर्शन और रेडियो को अत्यधिक प्रभावी बना दिया है। अंतरिक्ष प्रयोगशाला अर्थात् कृत्रिम उपग्रह, रॉकेट और अंतरिक्ष यान में आवश्यकतानुसार भिन्न-भिन्न प्रकार के कैमरे एवं संवेदक लगे रहते हैं, जिससे मौसम की भविष्यवाणी की जाती है तथा विभिन्न क्षेत्रों के प्राकृतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संसाधनों की जानकारी प्राप्त की जाती है।
20. पृष्ठप्रदेश क्या है? (What is Hinterland ?)
उत्तर-पृष्ठ प्रदेश पत्तन का प्रभाव क्षेत्र होता है। समुद्री मार्ग से आयातित माल पत्तन से स्थल के भीतरी भागों में जिस क्षेत्र तक पहुँचाया जाता है, तथा जिस क्षेत्र का उत्पाद पत्तन द्वारा बाहर भेजा जाता है, वह उस पत्तन का पृष्ठ प्रदेश कहलाता है। पृष्ठ प्रदेश के नगरों, उपनगरों या अन्य क्षेत्रों से पत्तन तक सामान, यात्रियों तथा सेवाओं का प्रवाह होता है। इसके लिए पत्तन अपने पृष्ठ प्रदेश से सुनियोजित और विकसित रेल और सड़क मार्गों से जुड़े रहते हैं। किसी भी पत्तन के विकास के लिए उसके पृष्ठ प्रदेश का विकसित, संसाधन संपन्न तथा विस्तृत बाजार युक्त होना आवश्यक है। पृष्ठ प्रदेश के विकास में भी पत्तन का योगदान महत्त्वपूर्ण होता है। पृष्ठ प्रदेश की सीमाओं का चिह्नांकन मुश्किल होता है, क्योंकि अधिकतर मामलों में एक पत्तन का पृष्ठ प्रदेश दूसरे पत्तन के पृष्ठ प्रदेश का अतिव्यापन कर सकता है।
S.N | Geography लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर ( 20 Marks ) |
1. | Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART – 1 |
2. | Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART – 2 |
3. | Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART – 3 |
4. | Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART – 4 |
5. | Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART – 5 |
6. | Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART – 6 |
7. | Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART – 7 |
8. | Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) PART – 8 |
S.N | Geography ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर ) ( 15 Marks ) |
1. | Geography ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 1 |
2. | Geography ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 2 |
3. | Geography ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 3 |
4. | Geography ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 4 |
5. | Geography ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) PART – 5 |