Class 12th Chemistry ( जैव अणु ) Short Answer Type Question in Hindi Pdf Download Inter Exam 2022
प्रश्न 1. पौधे में कार्बोहाइड्रेटों के दो मुख्य कार्यों को लिखिए।
उत्तर⇒ कार्बोहाइड्रेट अणु वनस्पतियों में स्टार्च के रूप में जब जंतुओं में ग्लाइकोजन के रूप मे संचित होता है। जीवाणुओं एवं पौधों की कोशिका भित्ति सेलुलोस की बनी होती है। लकड़ी के रूप में प्राप्त सेलुलोस से फनीचर आदि बनाते हैं तथा सूती रेशों के रूप में प्राप्त सेलुलोस से वस्त्र बनते हैं।
जैव ईंधन के रूप में- ग्लूकोस जैसे कार्बोहाइड्रेट जैव ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है।
C6H12O6→6CO2 + 6H2O + 2880 kg
संचयी भोजन के रूप में स्टार्च पौधों में संचयी भोजन के रूप में होता है। पौधे इसे प्रकाशसंश्लेषण विधि से बनाते हैं।
प्रश्न 2. ग्लाइकोजन क्या होता है तथा ये स्टार्च के किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर⇒ ग्लाइकोजन- जैव जन्तुओं में कार्बोहाइड्रेट ग्लाइकोजन के रूप में संचय होता है। यह प्राणी स्टार्च भी कहलाता है क्योंकि यह संरचना में ऐमिलोपेक्टिन जैसा होता है। इसकी इकाई शाखित शृंखला दे देती है। जब शरीर को ग्लूकोस की आवश्यकता होती है। एन्जाइम ग्लाइकोजन को ग्लूकोस में तोड़ देते हैं । ग्लाइकोजन इष्ट तथा फंफूदी में भी पाया जाता है। दूसरी ओर स्टार्च पॉलिसैकैराइड का मुख्य संचयी होता है। यह मनुष्य का भी प्रमुख भोजन है। स्टार्च प्रमुख रूप से दाल दलहन और सब्जियों में होता है। यह दो अव्यवों का बहुलक होता है। ऐमिलोस तथा ऐमिलोपेक्टिन क्रमशः 15% व 85% होता है। जो जल में घुलनशील होता है।
प्रश्न 3. रेशा क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर⇒ रेशा धागा की तरह मजबूत एवं लम्बा होता है, इसमें खींचने की शक्ति (tensile-strength) काफी अधिक होती है। प्राकृतिक रेशा में रेशम, उफन एवं कपास महत्वपूर्ण हैं। कपड़ा निर्माण में इन रेशों का सबसे अधिक उपयोग है। प्राकृतिक रेशा के कपड़ा की बढ़ी हुई आवश्यकता की पूर्ति संभव नहीं है, अतः कृत्रिम रेश बनाने की आवश्यकता वैज्ञानिकों ने महसूस किया। सबसे पहले सन् 1884 ई. के करीब प्रफांसीसी वैज्ञानिक H. Bernigaud ने कृत्रिम रेशा (Synthetic fibres) तैयार किया।
इन्होंने सेलुलोस नाइट्रेट को ईथर और अल्कोहल में घुलकर कृत्रिम रेशा तैयार किया। शुरू में कृत्रिम रेशा को कृत्रिम रेशा कहा जाता था। आगे चलकर इसका नाम रेयन (Rayon) रखा गया। आजकल इसे नाइलॉन (Nylon) कहा जाता है। कृत्रिम रेशा काफी मजबूत होता है।
रेशे के प्रकार(Types of Fibres)-रेशा दो प्रकार का होता है-
1. प्राकृतिक रेशा (Natural Fibre),
2. कृत्रिम रेशा (Artifical Fibres)।
प्रश्न 4. प्रति अम्ल क्या होते हैं ? ऐसे कुछ यौगिकों के नाम बताइए जो प्रति अम्लों की तरह प्रयुक्त होते हैं ?
उत्तर⇒ वे पदार्थ जो आमाशय में उत्पन्न अम्ल के आधिक्य को समाप्त करते हैं, प्रति अम्ल कहलाता है। यह आमाशय के pH मान को संतलित रखने का काम करता है।
मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड, मैग्नीशियम कार्बोनेट, सोडियम बाइकार्बोनेट ऐलुमिनियम फॉस्फेट इत्यादि रासायनिक पदार्थों का प्रयोग प्रति अम्ल के रूप में होता है।
प्रश्न 5. कार्बन रेशे क्या होते हैं ? उन्हें किस प्रकार बनाया जाता है ? कार्बन रेशों के दो मुख्य उपयोग बताइए।
उत्तर⇒ काले चमकीले धागे जो पूरी तरह कार्बन से बने होते हैं, कार्बनिक रेशा कहलाता है। समान वजन वाले किसी भी अन्य रेशों की तुलना में इनकी शक्ति बहुत अधिक होती है।
कार्बन रेशे का निर्माण, सेलुलोस या किसी भी कृत्रिम रेशे के द्वारा किया जाता है। इनके निर्माण में प्राकृतिक या कृत्रिम रेशे को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है। इसे Reinforce-fibre भी कहा जाता है। कार्बन रेशों का प्रयोग सामान्य इंजीनियरी क्षेत्र, उच्च तकनीकी क्षेत्र और जैव चिकित्सा क्षेत्र में होता है।
प्रश्न 6. RNA के चार प्रमुख कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर⇒ RNA के निम्नलिखित मुख्य कार्य हैं
(i) यह Viruses में Heriditary का अवयव होता है।
(ii) इसका उपयोग RNA और DNA के संश्लेषण में होती है।
(iii) यह उत्प्रेरक का कार्य भी करता है।
(iv) RNA प्रोटीन के संश्लेषण को नियंत्रित करता है।
प्रश्न 7. प्रोटीन का Denaturation किसे कहते हैं ?
उत्तर⇒ ग्लोबुर प्रोटीन जोकि प्रोटीन का घुलनशील रूप है, जब गर्म किया जाता है या Mineral Acids Base के साथ प्रतिक्रिया करायी जाती है तो प्रोटीन का स्कन्दन या अवक्षेपण होता है। यह प्रोटीन के Vital activity को समाप्त कर देता है। इस क्रिया को Protein का Denaturation कहते हैं।
उदाहरण- गर्म दूध में जब नींबू के रस को डाला जाता है तो वह पनीर बन जाता है।
प्रश्न 8. ग्लूकोज तथा फ्रक्टोज समान ओसेजोन बनोते हैं वर्णन करें।
उत्तर⇒ ओसेजोन के निर्माण के दौरान अभिक्रिया C1 व C2 के संगत होती है। जबकि शेष अणु अप्रभावित रहता है। क्योंकि ग्लूकोज तथा फ्रक्टोस की संरचना में भिन्नता C1 और C2 कार्बन संगत होती है। इसलिए ये समान ओसाजोन बनाते हैं।
प्रश्न 9. ऐनोमर, ऐपीमर से कैसे भिन्न है ?
उत्तर⇒ वे हाइड्रोकार्बन जो सेरचना में (एल्डोज C1 या कीटोज C2) C1 या C2 कार्बन के संलग्न संगत भिन्नता रखते हैं। ऐनोमर कहलाते हैं। जबकि ग्लाइकोसाइड कार्बन के अलावा दूसरे कार्बन संरचना में भिन्नता होती है तो यह ऐपीमर कहलाता है।
उदाहरण-α-D-ग्लूकोज और β-D-ग्लूकोज ऐनोमर हैं क्योंकि दोनों की संरचना में C1 संगत अन्तर है। ग्लूकोज तथा मान्नोस ऐपीमर है क्योंकि दोनों की संरचना C2 कार्बन संगत अलग होती है।
प्रश्न 10. प्राथमिक और द्वितीयक संरचना प्रोटीन के लिए भिन्न है ?
उत्तर⇒ प्रोटीनों में एक अथवा अनेक पोलिपेप्टाइड शृंखलाएं उपस्थित हो सकती हैं। किसी प्रोटीन के प्रत्येक पोलिपेप्टाइड में ऐमीनों अम्ल एक विशिष्ट क्रम में संयुक्त होते हैं। यह क्रम प्राटीनों की प्राथमिक संरचना बनाता है।
जैसे-Val-His-Leu-Thr-Pro-Glu-Cys किसी प्रोटीन की द्वितीयक संरचना का संबंध उस आकृति से है। जिसमें पोलिपेप्टाइड श्रृंखला विद्यमान होती है। यह दो भिन्न प्रकार की सरंचनाओं में विद्यमान होती है। α-हेलिक्स तथा β-प्लीटेड शीट संरचना।
प्रश्न 11. न्यूक्लियोसाइड से आप क्या समझते हैं ? RNA के चार उपयोग लिखें।
उत्तर⇒ न्यूक्लियोसाइड न्यूक्लिक अम्ल के दो मुख्य अवयव रखते हैं। अर्थात् पेन्टोज शर्करा तथा नाइट्रोजन क्षार।
RNA के उपयोग-
(i) RNA प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करता है।
(ii) उत्प्रेरक की भांति कार्य करता है।
(iii) यह विषाणुओं में अनुवांशिक पदार्थ होता है।
(iv) यह RNA तथा DNA से संश्लेषित होते हैं।
प्रश्न 12. प्रोटीन के विकृतिकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर⇒ गर्म करने पर या अम्ल से अभिक्रिया करने पर प्रोटीन के हाइड्रोजन आबंधों में अस्तव्यस्तता उत्पन्न हो जाती है। परिणामस्वरूप घुलनशील ग्लोबुलर प्रोटीन का स्कंदन या अवक्षेप बनकर जाता है। इस कारण प्रोटीन अपनी जैव सक्रियता खो देता है। जैसे दुध में नींबू रस मिलाने पर पनीर में बदल जाता है।
प्रश्न 13. αD(+) ग्लूकोपाइरेनोज और β(D)+ ग्लूकोपाइरेनोस की हावर्थ संरचना लिखें।
उत्तर⇒
प्रश्न 14. ग्लाइसिन ज्विटर आयन बनाता है। जबकि आर्थो, पैरा ऐमीनो बेंजोइक अम्ल ऐसा नहीं करता क्यों ?
उत्तर⇒ आर्थो या पैरा बेंजोइक अम्ल में -NH2 समूह पर उपस्थित अनआबंधित इलेक्ट्रॉन बेंजीन वलय की ओर जाते हैं। परिणामस्वरूप – COOH समूह का अम्लीय गुण तथा –NH2 समूह का क्षार गुण कम होता है। इसलिए दुर्बल -COOH अम्ल समूह प्रोटोन प्रदान नहीं कर सकता। अतः आर्थो, पैरा एमीनो बेंजाइक अम्ल ज्विटर आयन नहीं बनाता।
प्रश्न 15. म्यूटेशन को परिभाषित करें।
उत्तर⇒ DNA के द्विकुंडलन में नाइट्रोजन क्षारकों के क्रम में रासायनिक परिवर्तन से प्रोटीन संश्लेषण प्रभावित होता है। DNA अणु में यह परिवर्तन अचानक या धीमा होता है।
प्रश्न 16. उपचायी और अपपचयी शर्करा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर⇒ वैसे सभी कार्बोहाइड्रेट जिनमें मुक्त ऐल्डीहाइड (-CHO) या कीटोन (=CO) समूह मौजूद रहते हैं, तथा जो फेहलिंग घोल एवं टॉलेन्स रिएजेंट को अवकृत कर देता है, अपचायक शर्करा कहा जाता है। सभी मोनोसैकेराइड अपचायक शर्करा हैं, जबकि डाईसैकराइड जैसे “चीनी” अपनचयी शर्करा है।
अपचायक शर्करा के ‘-CHO’ एवं = CO समूह मुक्त अवस्था में रहते हैं। इनका उदाहरण माल्टोज एवं लैक्टोज है।
प्रश्न 17. ग्लूकोज की उन अभिक्रियाओं को बताइए जिनको इसकी खुली शृंखला वाली संरचना के आधार पर स्पष्ट नहीं किया जा सकत है।
उत्तर⇒ ग्लूकोज, मिथाइल एल्कोहल के साथ, HCl गैस की उपस्थिति में अभिक्रिया कर α- एवं β-D-ग्लूकोसाइड का निर्माएण करते हैं। इनका बनना ग्लूकोज की खुली शृंखला वाली संरचना के आधार पर स्पष्ट नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न 18. L-गैलेक्टोज तथा L-मैनोस के फिशर प्रक्षेपण लिखिए।
उत्तर⇒ L-गैलेक्टोज तथा L-मैनोस के फिशर प्रक्षेपण हैं-
प्रश्न 19. आवश्यक तथा अनावश्यक ऐमीनो अम्ल क्या होते हैं? प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर⇒ कुल 20 ऐमीनो अम्लों में से 10 ऐमीनो अम्ल आवश्यक ऐमीनो अम्ल हैं। जबकि शेष 10 एमीनों अम्ल अनावश्यक ऐमीनो अम्ल हैं। जो ऐमीनो अम्ल शरीर में संश्लेषित नहीं हो सकते तथा जिनको भोजन में लेना आवश्यक है, आवश्यक ऐमीनो अम्ल कहलाते हैं। जो एमीनों अम्ल शरीर में संश्लेषित हो सकते हैं। उन्हें अनावश्यक ऐमीनो अम्ल कहते हैं।
वैलीन, ल्यूसीन, आइसोल्यूसीन, अर्जिनीन आदि आवश्यक ऐमीनो अम्ल हैं। जबकि प्रोलिन, ग्लाइसीन, ऐलानिन ग्लूटेमीन आदि अनावश्यक ऐमीनो अम्लों के उदाहरण हैं।
प्रश्न 20. अंडे को उबालने पर उसमें उपस्थित जल कहाँ चला जाता है ?
उत्तर⇒ उबालने पर अंडे की सफेदी का स्कंदन विकृतीकरण का एक सामान्य उदाहरण है। अंडे की सफेदी का विकृतीकरण होता है। घुलनशील प्रोटीन का स्कंदन हो जाता है। परिणामस्वरूप रेशेदार जो जल में अविलेय है बनता है।
प्रश्न 21. हमारे शरीर में विटामिन C संचित क्यों नहीं होता ?
उत्तर⇒ विटामिन C जल में घुलनशील है। जल में घुलनशील विटामिन शरीर में संचय नहीं की जा सकती क्योंकि इन विटामिनों को मूत्र द्वारा त्याग दिया जाता है।
प्रश्न 22. D-तथा L-ग्लूकोज के सरल फिशर प्रक्षेपण लिखिए। क्या ये प्रतिबिंब समावयवी हैं ?
उत्तर⇒ D-तथा L-ग्लूकोज के सरल फिशर प्रक्षेपण निम्नलिखित हैं-
नहीं, उपरोक्त दोनों एक-दुसरे के प्रतिबिंबी समावयवी नहीं हैं।
प्रश्न 23. डी. एन. ए. तथा आर. एन. ए. के मध्य संरचनात्मक अंतर लिखिए।
उत्तर⇒ डी. एन. ए. तथा आर. एन. ए. के मध्य निम्नलिखित संरचनात्मक अंतर है-
डी. एन. ए. | आर. एन. ए. |
1. DNA एक द्विकुंडलीय संरचना है। | 1. RNA में एक ही कुंडली होती है। |
2. इसमें उपस्थित शर्करा अणु-2 डिऑक्सीराइबोज होता है। | 2. इसमें राइबोस नामक शर्करा अणु उपस्थित रहता है। |
3. इसमें ‘यूरॉसिल’ अनुपस्थित रहता है। | 3. इसमें यूरॉसिल उपस्थित रहता है। |
4. इसमें थाईमीन उपस्थित रहता है। | 4. इसमें थाईमीन अनुपस्थित रहता |
5. DNA के अणु बड़े होते हैं। | 5. RNA के अणु DNA की तुलना |
class 12th chemistry Subjective question 2022
S.N | CHEMISTRY ( रसायन विज्ञान ) SUBJECTIVE |
1 | ठोस अवस्था |
2 | विलयन |
3 | वैधुत रसायन |
4 | रसायन बलगतिकी |
5 | पृष्ठ रसायन |
6 | तत्वों के निष्कर्षण के सामान्य सिद्धांत |
7 | p-ब्लॉक के तत्व |
8 | d एवं -ब्लॉक के तत्व |
9 | उप-सहसंयोजक यौगिक |
10 | हैलोएलकेन्स तथा हैलोऐरिन्स |
11 | ऐल्कोहॉल, फीनॉल एवं ईथर |
12 | ऐल्डिहाइड, कीटोन एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल |
13 | ऐमीन |
14 | बहुलक |
15 | जैव अणु |
16 | दैनिक जीवन में रसायनऔर विविध |