13. ऐमीन LONG ANSWER TYPE QUESTIONS
प्रश्न 1. निम्नलिखित युगलों के यौगिकों में विभेद के लिए एक रासायनिक परीक्षण दीजिए
(i) मेथिलऐमीन एवं डाइमेथिलऐमीन ।
(ii) द्वितीयक एवं तृतीक एमीन ।
(iii) ऐथिलएमीन एवं ऐनिलीन।
(iv) एनिलीन एवं बेन्जिल एमीन।
(v) ऐनिलीन एवं N-मेथिल ऐनिलीन।
उत्तर⇒ (i) मेथिल एमीन, कार्बिल ऐमीन बनाती है जबकि डाइमेथिल एमीन अभिक्रिया नहीं करती है।
CH3CNH2 + HCCl3 + 3KOH (alc.)→CH3NC + 3KCl + 3H2O
Methyl amine Carbylamine
. (Foul smell)
(ii) द्वितीयक ऐमीन हिन्सबर्ग अभिकर्मक के साथ अभिक्रिया करती है जबकि तृतीयक एमीन अभिक्रिया नहीं करती है।
(iii) एथिल ऐमीन नाइट्रेस अम्ल से अभिक्रिया द्वारा N2 गैस मुक्त करती है जबकि ऐनिलीन अभिक्रिया नहीं करती है।
C2H5NH2 + HNO2C2H5OH + H2O + N2 ↑
एथिल ऐमीन
(iv) एथिल ऐमीन नाइट्रस अम्ल से अभिक्रिया द्वारा N2 गैस मुक्त करती है जबकि ऐनिलीन अभिक्रिया नहीं करती है।
(v) ऐनिलीन, कार्बिल ऐमीन अभिक्रिया करती है जबकि N-मेथिल ऐनिलीन अभिक्रिया नहीं करती है।
प्रश्न 2. निम्न पर लघु टिप्पणी लिखिए :
(i) कार्बिलऐमीन अभिक्रिया,
(ii) हॉफमान ब्रोमामाइड,
(iii) युग्मन अभिक्रिया
(iv) डाइऐजोकरण
(v) अमोनी अपघटन
(vi) ऐसीटिलन
(vii) गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण।
उत्तर⇒ (i) कार्बिलऐमीन अभिक्रिया-ऐलिफैटिक तथा ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन, क्लोरोफॉर्म और एथेनॉलिक पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड के साथ गर्म करने पर दुर्गधयुक्त पदार्थ आइसोसायनाइड अथवा कार्बिल ऐमीन का विरचन करती हैं। द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीन यह अभिक्रिया नहीं दर्शाती। इस अभिक्रिया को कार्बिल ऐमीन अभिक्रिया अथवा आइसोसायनाइड परीक्षण कहते हैं तथा यह प्राथमिक ऐमीनों के परीक्षण में प्रयुक्त होती है।
R – NH2 + CHCl3 + 3KOHR – NC + 3KCl + 3H2O
(ii) हॉफमान ब्रोमामाइड अभिक्रिया-हॉफमान ने प्राथमिक ऐमीनो के विरचन के लिए एक विधि विकसित की जिसमें किसी एमाइड की NaOH के जलीय अथवा एथेनॉलिक विलयन में ब्राऐमीन से अभिक्रिया करते हैं। इस अभिक्रिया में एल्किल अथवा ऐरिल समूह का स्थानांतरण ऐमाइड के कार्बोनिल कार्बन से ऐमीन के कार्बोनिल परमाणु पर होता है। इस प्रकार प्राप्त ऐमीन में ऐमाइड से एक कार्बन कम होता है।
(iii) युग्मन अभिक्रिया-बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड फीनॉल से अभिक्रिया करने पर इसके पैरा स्थान पर युग्मित होकर पैरा हाइड्रॉक्सीनोबेन्जीन बनाता है। इस प्रकार की अभिक्रिया को युग्मन अभिक्रिया कहते हैं।
(iv) डाइऐजोकरण-नाइट्रस अम्ल को जब प्राथमिक ऐरोमेटीक ऐमीन से क्रियाशील किया जाता है तब डाइऐजोनियम लवण बनता है।
(v) अमोनी अपघटन- अमोनिया को एल्कोहल माध्यम में जब ऐल्किल हैलाइड से क्रियाशील किया जाता है तो 1°, 2°, 3° ऐमीन का मिश्रण प्राप्त होता है।
R – X + HNH2 एल्कोहल R – NH2 + HX
यदि R-X को अधिकाय में प्रयुक्त किया जाता है तो मिश्रण 1°, 2′, 3° ऐमीन प्राप्त होता है।
(vi) ऐसीटिलन-किसी फिनॉल, एल्कोहल या ऐमीन से क्रिया H परमाणु RCO समूह द्वारा प्रतिस्थापित करना ऐसीटिलन कहलाता है। ऐसीटिलन को क्षार जैसे पिरीडीन, डाइमेथिल एमीन आदि से प्राप्त किया जाता है।
CH3COCl + C2H5OH पिरिडिन CH3COOC2H5 + HCl
(CH3CO)2O + C2H5NH2→ CH3CONHCH2CH3 + CH3COOH
(vii) गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण- इस अभिक्रिया में थैलिमाइड ऐथेनालिक पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया द्वारा थैलिमाइड का पोटैशियम लवण बनाता है जो ऐल्किन हैलाइड के साथ गर्म करने के पश्चात् क्षारीय जल अपघटन द्वारा संगत प्राथमिक ऐमीन उत्पन्न करता है। इस विधि का उपयोग प्राथमिक ऐमीनो के विरचन के लिए किया जाता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूर्ण कीजिए-
(i) C6H4NH2 + CHC3 + (ऐल्कोहॉली) + KOH →
(ii) C6H5N2Cl + H3PO2 + H2O →
(iii) C6H5NH2 + H2SO4 (सांद्र) →
(iv) C6H5Cl + C2H5OH →
(v) C6H5NH2 + Br2 (aq) →
(vi) C6H5NH2 + (CH3O)2O →
(vii) C6H5N2Cl
उत्तर⇒
प्रश्न 4. ऐमीन क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है ? प्राइमरी, सेकेण्ड्री तथा टर्शियरी ऐमीन को परिभाषित करें।
उत्तर⇒ एलिपैफटिक ऐमीन अमोनिया के अल्काइल व्युत्पन्न (Deriva tive) है जो अमोनिया में उपस्थित हाइड्रोजन परमाणुओं के अल्काइल समूहों द्वारा प्रतिस्थापित (Replace) होने से बनते हैं। ऐमीन को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
(i) प्राइमरी ऐमीन (Primary amine)
(ii) सेकेण्डरी ऐमीन (Secondary amine)
(iii) टर्शियरी ऐमीन (Tertiary amine)
(i) प्राइमरी ऐमीन (Primary Amine)-अमोनिया का वह अल्काइल व्युत्पन्न जो अमोनिया के केवल एक ही हाइड्रोजन परमाणु के एक अल्काइल समूह द्वारा प्रतिस्थापित होने से बनता है, प्राइमरी ऐमीन कहलाता है।
उदाहरण-
प्राइमरी ऐमीन में क्रियाशील समूह (Functional group) -NH2 उपस्थित रहता है, जिसे ऐमीनो कहा जाता है।
(ii) सेकेण्डरी ऐमीन (Secondary Amine)-अमोनिया के वे अल्काइल व्युत्पन्न जो अमोनिया के दो हाइड्रोजन परमाणुओं के दो अल्काइल समूहों (दोनों अल्काइल समूह एक ही या विभिन्न हो सकते हैं) द्वारा प्रतिस्थापित होने से प्राप्त होते हैं, सेकेण्डरी ऐमीन कहलाते हैं।
उदाहरण-
सेकेण्ड्री ऐमीन का क्रियाशील समूह – N – है, जिसे imino कहा जाता है।
(iii) टरशियरी ऐमीन (Tertiary Amine)-अमोनिया के वे अल्काइल व्युत्पन्न जो अमोनिया के तीनों हाइड्रोजन परमाणुओं तीन अल्काइल समूहों तीन अल्काइल समूह एक ही या विभिन्न हो सकते हैंद्ध द्वारा प्रतिस्थापित होने से प्राप्त होते हैं, टर्शियरी ऐमीन कहलाते हैं।
उदाहरण-
टर्शियरी ऐमीन में क्रियात्मक समूह > N – (Nitrile) है।