16. दैनिक जीवन में रसायन LONG ANSWER TYPE QUESTIONS
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों को उपयुक्त उदाहरणों द्वारा समझाइए ?
(क) ऋणायनी अपमार्जक (ख) धनायनी अपमार्जक (ग) अनायनिक अपमार्जक
उत्तर⇒ (क) ऋणायनी अपर्माजक- ऋणायनी अपमार्जक लंबी शंखला वाले ऐल्कोहलों या हाइड्रोकार्बन के सल्फोनेटिक व्युत्पन्न होते हैं। दीर्घ श्रृंखला वाली ऐल्कोहॉलों को सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया कराने से ऐल्किल हाइड्रोजन सल्फेट बनते हैं। जिन्हें क्षार से उदासीन करने पर ऋणायनी अपमार्जक बनते हैं। इसी प्रकार से एल्किलबेन्जीन सल्फोनेट, ऐल्किल बेन्जीन सल्फोनिक अम्लों के द्वारा उदासीन करने से प्राप्त होते हैं।
(ख) धनायनी अपमार्जक-ऐमीनों के ऐसीटेट, क्लोराइड या ब्रोमाइड ऋणायनों के साथ बने चतुष्क लवण होते हैं। इनमें धनायनी भाग में लंबी हाइड्रोकार्बन शृंखला होती है तथा नाइट्रोजन अणु पर एक धन आवेश होता है। अतः इन्हें धनायनी अपमार्जक कहते हैं। जैसे सैटिलट्राइमेथिल अमोनिया ब्रोमाइड।
(ग) अनायनिक अपमार्जक-ऐसा अपर्माजक स्टीऐरिक अम्ल तथा पॉलीऐथिलीन ग्लाइकोल की अभिक्रिया से बनाता है।
CH3(CH2)16COOH + HO(CH2CH2O)n CH2 CH2OH
CH3(CH2)16COO(CH2CH2O)nCH2CH2OH
प्रश्न 2. साबुन की शोधन क्रिया समझाइए।
उत्तर⇒ सभी अपमार्जकों तथा साबुन में दो भाग होते हैं। एक समूह जल में घुलनशील तथा दूसरा जल में अघुलनशील, परिणामस्वरूप जब साबुन या अपमार्जक को जल में घोला जाता है तब हाइड्रोकार्बन भाग जल से दूर भागता है जबकि आयनिक भाग जल को आकर्षित करता है।
धूल के कण जो तेल की भांति व्यवहार दर्शाते हैं। हाइड्रोकार्बन शृंखला की ओर आकर्षित होते हैं। जबकि आयनिक गन्दे जल में घुल जाती है। परिणामस्वरूप कपड़ा साफ हो जाता है। जब उचित सांद्रता में साबुन या अपमार्जकों को जल में मिलाया जाता है तो मिसेल बनते हैं।
(Cleansing action of soap detergent)
प्रश्न 3. एण्टेसिड, एण्टीबायोटिक और दर्दशामक क्या है ?
उत्तर⇒ एण्टेसिड (Antacids)-यह वह रासायनिक पदार्थ है जो पेट की अम्लीयता को उदासीन बनाकर उचित मार्ग पर ला देता है।
उदाहरण- CaCO3, NaHCO3, Mg(OH)2 या, Al(OH)3 को टिकिया के रूप में या घोल के रूप में लेने पर पेट में उपस्थित अधिक HCl को उदासीन करता है।
एण्टीबायोटिक (Antibiotic)- वह रासायनिक पदार्थ जो सूक्ष्म जीवाणुओं (बैक्टीरिया, कवक, फफूंदी) से उत्पन्न होता है, जो अन्य सूक्ष्म जीवाणुओं की वृद्धि रोके या समाप्त ही कर दें।
ददशामक (Analesics)-वह रासायनिक पदार्थ जो शरीर के दर्द के निवारण में प्रयुक्त होता है।
उदाहरण-
प्रश्न 4. अपमार्जक क्या होते हैं ? वर्गीकरण करें, साबुन की तुलना में अपमार्जक अधिक उपयोगी है वर्णन करें ?
उत्तर⇒ अपमार्जक-लवणों की अत्यधिक घुलनशीलता के कारण सामान्यतः जल में इनकी सांद्रता अधिक होती है। ज्यादातर आयनिक लवणों की कठोर जल में कुछ धातु आयन जैसे Ca+2 और Mg+2 आयन होते हैं। जब ये आयन साबुन के साथ घुलते हैं तो अघुलनशील अवक्षेप बनाते हैं। ये अवक्षेप कपड़े धान में व्यवधान उत्पन्न करते हैं। संश्लिष्ट अपमार्जक वह शोधक अभिकर्मक है जिनमें साबुन के सभी गुण होते हैं, परन्तु जो वास्तव में साबुन नहीं होते। अपमार्जक कठोर जल के साथ झाग बनाते हैं। सामान्यतः सोडियम लॉरील सल्फेट और सोडियम डोडेसिल बेन्जीन सल्फोनेट अपमार्जक के उदाहरण है।
सोडियम ऐल्किल बेंजीन सल्फोनेट
साबुन कठोर जल में कार्य नहीं करते :
कठोर जल में अपमार्जक अधिक उपयोगी है। क्योंकि कठोर जल में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के आयन होते हैं। यह आयन सोडियम या पोटैशियम साबुन को कठोर जल में घोलने पर क्रमशः अघुलनशील कैल्सियम और मैग्नीशियम साबुन में परिवर्तित कर देते हैं। अतः अच्छी धुलाई में क्षमता डालते हैं।
अपमार्जकों के प्रकार-संश्लिष्ट अपमार्जक तीन प्रकार के होते हैं। ऋणायनी, धनायनी और अनायिक एक लम्बी श्रृंखला वाले ऐल्कोहलों या हाइड्रोकार्बनों के सल्फोनेटित व्युत्पन्न होते हैं।
CH3—(CH2)16CH2OH + H2SO4 → CH3—(CH2)16CH2OSO3H
CH3(CH2)16CH2SO—O3Na+
इस प्रकार के अपमार्जक ऋणायिनक होते हैं। क्योंकि इन पर ऋणायन होता है।
उदाहरण-ऐल्किल बेंजीन सल्फोनेट ऋणायनी अपमार्जक अम्लीय विलयन में भी उपयोगी होते हैं जो एल्किल हाइड्रोजन सल्फेट बनाते हैं जो कि घुलनशील पदार्थ है। साबुन अम्लीय विलयन में अघुलशील पदार्थ बनाते हैं।
धनायनी अपमार्जक-धनायनी अपमार्जक एमीनों के ऐसीटेट क्लोराइड या ब्रोमाइड या ब्रोमाइड ऋणायनों के साथ बने चतुष्क लवण होते हैं। इनके धनायनी भाग में लंबी हाइड्रोकार्बन शंखला होती है। तथा नाइट्रोजन अणु पर एक धन आवेश होता है सेटिलट्राइमेथिल अमोनियम ब्रोमाइड एक प्रचलित धनायनी अपमार्जक है।
अनायनिक अपमार्जक-कुछ अपमार्जक अनायनिक अपमार्जक भी होते हैं। अनायनिक अपमार्जकों की संरचना में कोई आयन नहीं होता। ऐसा अपमार्जक स्टीऐरिक अम्ल तथा पालीएथीलीन ग्लाइकॉल की अभिक्रिया से बनता है।
CH3(CH2)16COOH + HO (CH2CH2O)n CH2CH2OH
CH3(CH2)16COO(CH2CH2O)n CH2CH2OH
अनायमिक अपमार्जक
कछ द्रव अवस्था में अनायनिक अभिकर्मक भी होते हैं।
प्रश्न 5. (i) प्रतिअम्ल क्या है ? उन सामान्य यौगिकों का उल्लेख करें जो प्रतिअम्ल के रूप में उपयोग होते हैं ?
(ii) निम्न को उदाहरण देकर समझाइए (क) प्रशांतक (ख) प्रतिजनन क्षमता औषध (ग) प्रतिहिस्टैमिन।
उत्तर⇒ (i) प्रतिअम्ल वे पदार्थ होते हैं जो आमाशय से अम्ल के अत्यधिक उत्पादन को रोकते हैं तथा pH- को उदासीनता से आगे नहीं बढ़ने देते। धात्विक हाइड्रॉक्साइड जैसे मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड Mg(OH)2 मैग्नीशियम कार्बोनेट MgCO3 आदि।
(ii) (क) प्रशांतक-प्रशांतक रासायनिक यौगिकों का वह वर्ग है जिसका उपयोग तनाव तथा छोटी या बड़ी मानसिक बीमारियों में किया जाता है। यह अच्छा होने की भावना को अभिप्रेरित करके चिंता, तनाव, क्षोभ अथवा उत्तेजना से मुक्ति देते हैं। प्रशांतक विभिन्न प्रकार के होते हैं। ये अलग-अलग क्रिया-विधियों से कार्य करते हैं। जैसे नॉरऐड्रीनलीन एक तंत्रिकीय संचारक है जो मनोदशा परिवर्तन में भूमिका निभाती है।
(ख) प्रतिजनन क्षमता औषध-जनन नियंत्राण गोलियों में आवश्यक रूप में संश्लिष्ट एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्टीरॉन व्युत्पन्नों का मिश्रण होता है। दोनों ही यौगिक हार्मोन होते हैं। प्रोजेस्टेरोन अंडोत्सर्ग को निरोधित करता है। नारएथिनड्रान संश्लिष्ट प्रोजेस्टीरॉन व्युत्पन्न का उदाहरण है।
(ग) प्रतिहिस्टेमिन-हिस्टेमिन एक शक्तिशाली वाहिका विस्फारक है। इसके विविध कार्य हैं। यह श्वसनिकओं और आहार नली के चिकनी पेशियों को संकुचित करती है तथा दूसरी पेशियों, जैसे रुधिर वाहिकाओं की दीवारों को नरम करती है। जुकाम के कारण होने वाले नासिका संकुलन और पराग के कारण होने वाली ऐलर्जी का कारण भी हिस्टैमिन ही होती है। संश्लिष्ट औषध ब्रोमोफेनिरामिन और टरफेनाडीन प्रतिहिस्टैमिन का कार्य करती है।