15. बहुलक LONG ANSWER TYPE QUESTIONS
प्रश्न 1. रबर के रसायन को विस्तारपूर्वक समझाइए। यह कितने प्रकार का होता है ? इसके निर्माण एवं उपयोग को लिखें।
उत्तर⇒ इतिहास (History)-प्राकृतिक रबर की खोज का श्रेय कोलंबस को जाता है। दुनिया भ्रमण के क्रम में जब कोलंबस दक्षिणी अमेरिका पहुँचा तो यह देखा कि वहाँ के लोग एक वृक्ष के रस से तैयार किए हुए गोले से गेंद खेल रहे थे। उस गोले को वह यूरोप ले आया । वहाँ के वैज्ञानिकों ने उस गोले से पेंसिल की लिखावट को मिटाकर गोले के विषय में जानने का प्रयास शुरू किया। आगे चलकर उस गोले का नाम रबर पड़ा। इसमें लचीलापन (Elastic) का गुण पाया गया। रबर की खींच कर उसके सही लम्बाई को 5 से 10 गुणा तक बढ़ाया जा सकता है। बल हटाने के बाद रबर अपने मूल आकृति को प्राप्त कर लेता है । मोटरकार (Motor-car) उद्योग के प्रसार से रबर की माँग काफी बढ़ गई है। इसी कारण कृत्रिम रबर का निर्माण किया गया।
रबर के प्रकार (Types of Rubber)-रबर दो प्रकार के होते हैं
1. प्राकृतिक रबर (Natural Rubber), 2. कृत्रिम रबर (Synthetic Rubber)।
वृक्ष से प्राप्त दूध से रबर तैयार करना-रबर के वृक्ष को Hevea Brasillensis के नाम से जाना जाता है। रबर के वृक्ष से प्राप्त दूध को तनु करके छान लिया जाता है। इस रस या दूध जिसे लैटेक्स (latex) कहा जाता है। इसमें फॉर्मिक अम्ल या एसिटिक अम्ल मिलाया जाता है जिससे श्वेत पिण्ड के रूप में दूध जम जाता है। इस जमे हुए आकृति को रबर कहा जाता है। श्वेत पिंड की आकृति में प्राप्त रबर को क्रीपिंग यंत्र (Creping Ma chine) से पास कराया जाता है। जिससे रबर चादर (Sheet) के रूप में बदल जाता है। इस तरह से प्राप्त प्राकृतिक रबर क्रेप रबर भी कहा जाता है। प्राकृतिक रबर में निम्नलिखित त्रुटियाँ (Defects) होती हैं
(i) यह कमजोर एवं कम लचीला होता है।
(ii) यह अस्थायी है तथा शीर्घ ऑक्सीकारकों द्वारा प्रभावित होता है।
(iii) यह जल को काफी मात्रा में अवशोषित करता है। निम्न तापक्रम पर भंगुर (Brittle) और उच्च तापक्रम पर मुलायम होता है।
(iv) हवा की उपस्थिति में इसके अधिकांश गुण समाप्त हो जाते हैं।
रबर की संरचना (Structure of Rubber)-प्राकृतिक रबर आइसोप्रीन का बहुलक होता है। रबर के अणु में आइसोप्रीन अणु CIS अवस्था में एक-दूसरे से जुटे रहते हैं अर्थात् आइसोप्रीन अणु के सभी CH2 समूह एक ही तरफ (same side) रहते हैं। इसका अमणिभीय (Amorphous) रचना प्राप्त है।
रबर के लचीलापन-गुण (Elasticity Nature of Rubber)-रबर के अणु का अव्यवस्थित संरचना प्राप्त किया जाता है। अव्यवस्थित रचना के कारण इसकी इन्ट्रॉपी (Entropy) अधिक रहती है। जब रबर को खींचा जाता है तो इसकी संरचना व्यवस्थित हो जाता है और इस अव्यवस्था में इसकी एन्ट्रॉपी कम हो जाती है। पुनः पूर्व अवस्था अर्थात् रबर को खींचना बंद कर देने पर एन्ट्रॉपी बढ़ जाती है। एन्ट्रॉपी में इस तरह के परिवर्तन के कारण ही रबर में लचीलापन (elasticity) का गुण आ जाता है।
यदि आइसोप्रीन (रबर) अणु ट्रांस (Trans) अवस्था में जुटे रहें तो इसमें लचीलापन का गुण समाप्त हो जाता है। इस अवस्था में इसके एन्ट्रॉपी में कई परिवर्तन नहीं होता। ट्रॉस आइसोप्रीन कठोर रबर की तरह व्यवहार करता है। अतः हम कह सकते हैं कि cis-isopriene सही रबर है, जबकि trans isoprene कठोर रबर है।
रबर का वल्केनाइजेशन (Vulcanization of Rubber)-प्राकृतिक रबर (Natural Rubber) में रबर के मुख्य गुण, जैसे लचीलापन, ताप बर्दाश्त करने की क्षमता इत्यादि कम होती है। प्राकृतिक रबर मुलायम (Soft)3 लसलसा (Sticky) और गर्म करने पर पिघल जाता है। प्राकृतिक रबर को लचीलापन शक्ति, लसलसापन, ताप बर्दाश्त करने योग्य बनाने के लिए इसका वल्केनाइजेशन (Vulcanization) किया जाता है।
वल्केनाइजेशन प्रक्रिया में कच्चे रबर (Raw Rubber) को गंधक (Sul phur) के साथ करीब 200°C तक गर्म किया जाता है। जिससे सल्फर बहुलक अणु (Polymer Molecule) से मिलकर सल्फर अणु (Sulphur Bridge) बनाता है। इस सेतु में सल्फर के 1 से 6 परमाणु तक रह सकते हैं। इस तरह के सेतु या बन्धन को क्रॉसलिंक (Cross-linked) कहा जाता है। पॉलिआइसोप्रीन और सल्फर के बीच के क्रॉसलिक को निम्न प्रकार से दिखाया जा सकता है
यहँ आइसोप्रीन के मोनोमर इकाई, S = सल्फर (1 से 6 परमाणु)
प्रश्न 2. जैवनिम्नीय बहुलक क्या हैं ? एक जैवनिम्नीय ऐलिफैटिक पॉलिएस्टर का उदाहरण दीजिए।
उत्तर⇒ जैव निम्नीय संश्लिष्ट बहुलकों को अभिकल्पित और विकसित किया गया है। इन बहुलकों में जैव बहुलकों में उपस्थिति प्रकार्यात्मक समूहों के सदृश प्रकार्यात्मक समूह पाए जाते हैं।
ऐलिफैटिक पॉलिएस्टर जैव निम्नीय बहुलकों का एक महत्वपूर्ण वर्ग है।
पॉलि β– हाइड्रॉक्सी ब्यूटिरेटट-को- β – हाइड्रॉक्सी वैलेरेट (PHBV) है एक जैव निम्नीकरणीय बहुलक है। यह 3-हाइड्राक्सी ब्यूटेनाइक अम्ल और 3-हाइऑक्सी पेन्टेनोइक अम्ल के सहबहुलक से प्राप्त होता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित बहुलकों के एकलकों का नाम और संरचना लिखिए।
(i) ब्यूना-S, (ii) ब्यूना-N, (iii) डेक्रॉन, (iv) नियोप्रीन
उत्तर⇒
प्रश्न 4. एक जैवनिम्नीय ऐलिफैटिक कैसे करेंगे ?
(क) नाइलॉन 6, (ख) मैलेमाइन फार्मेल्डिहाइड, प्रत्येक के उपयोग भी लिखें।
उत्तर⇒ (क) नाइलॉन-6, नाइलॉन-6 का एकलक कैप्रोलेक्टम है जो साइक्लोहेक्सेन से प्राप्त होता है।
कैप्रोलैक्टम को गर्म करने पर α ऐमीनों कैप्रॉइक अम्ल एकलक के रूप में प्राप्त होता है। बहुलकीकरण, स्वरूप नाइलॉन 6 प्राप्त होता है।
यह बहुलक रस्सी, धागा तथा वस्त्र बनाने में प्रयुक्त होता है।
(ख) मैलेमाइन फार्मेल्डिहाइड- हैट्रोसाइक्लीक ट्राई ऐमीन को जब मैलेमाइन से संघनित किया जाता है। तब बहुलीकरण स्वरूप मैलेमाइन फॉर्मल्डिहाइड प्राप्त होता है।
इसका उपयोग अभंजनीय बर्तनों के निर्माण में किया जाता है।