Class 12th Geography लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर ( 20 Marks ) PART – 7
121. भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले पाँच राज्यों के नाम बताइये। (Name five most populous states of India.)
उत्तर- भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाले पाँच राज्यों के नाम क्रमशः उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश हैं। इनकी जनसंख्या क्रमश: 19.96 करोड़, 11.24 करोड़, 10.38 करोड़, 9.13 करोड़ और 8.43 करोड़ है।
122. सतलज-गंगा के मैदान में सघन जनसंख्या के संकेंद्रण के कारणों का वर्णन कीजिए। (Discuss the causes of concentration of dense population in Satluj-Ganga Plain.)
उत्तर – सतलज-गंगा के मैदान में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल स्थित हैं। ये सभी समतल मैदान हैं, जिसमें मिट्टी उर्वर है, सदावाहिनी नदियों द्वारा जल संसाधन उपलब्ध है और उपयुक्त जलवायु के कारण कृषि का अधिक विकास हुआ है। इसके अतिरिक्त सड़क, रेल एवं जलमार्ग विकसित है। पश्चिमी और पूर्वी छोर पर क्रमशः दिल्ली और कोलकाता के नगरीय और औद्योगिक क्षेत्र स्थित है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में जनसंख्या का विशाल संकेंद्रण हो गया है। जनसंख्या के घनत्व में दिल्ली सर्वप्रथम (9340) स्थान पर है, जिसके बाद क्रमशः पश्चिम बंगाल (903), बिहार (880), उत्तरप्रदेश (690), पंजाब (484) और हरियाणा (477) का स्थान आता है।
123. प्रत्येक उत्तरोत्तर जनगणना में जनसंख्या का घनत्व क्यों बढ़ रहा है ? (Why is the densitv of population increasing in every successive census?)
उत्तर – प्रति इकाई क्षेत्र में व्यक्तियों की संख्या को जनसंख्या का घनत्व कहते हैं। भारत का. क्षेत्रफल 32.87 लाख वर्ग किमी० है और इसमें कोई परिवर्तन नहीं होता है। किन्तु इसकी जनसंख्या उत्तरोत्तर जनगणना में बढ़ती जा रही है। अतः प्रत्येक उत्तरोत्तर जनगणना में जनसंख्या का घनत्व भी बढ़ रहा है। 1991 में देश की जनसंख्या 84.63 करोड़ थी और घनत्व 274 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी० था। 2001 में जनसंख्या बढ़कर 102.86 करोड़ हो गई, जिसके फलस्वरूप घनत्व बढ़कर 324 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी० हो गया।
124. गैरिसन या छावनी नगर क्या होते हैं? उनका क्या प्रकार्य होता है ? (What are the garrison towns ? What is their function ?)
उत्तर – गैरिसन नगर को छावनी नगर भी कहा जाता है। इन सैनिक छावनियों में सैनिक टुकड़ियाँ रहती हैं तथा उनके शस्त्रों के भंडार होते हैं। भारत में अंबाला, जालंधर, महू, बबीना, उधमपुर इत्यादि इसके उदाहरण हैं। देश की सुरक्षा की दृष्टि से इन नगरों का महत्त्व है। इनका कार्य सैनिक सामानों को रखना तथा सैनिकों को उपयुक्त वातावरण में सैन्य कार्य के लिए चुस्त-दुरुस्त बनाये रखना है।
125. महानगर क्या होते हैं? ये नगरीय संकुलों से किस प्रकार भिन्न होते हैं ? (What are the metropolitan cities ? How are they different from urban agglomeration ?)
उत्तर – 10 लाख से 50 लाख की जनसंख्या वाले नगरों को महानगर कहा जाता है। ये नगरीय संकलों से भिन्न होते हैं। नगरीय संकुल में बहुसंख्यक महानगर और मेगानगर सम्मिलित होते हैं। नगरीय संकुल में एक नगर के साथ उसका बहिर्वद्ध (outgrowth), संस्पर्शी नगर (satellite) अथवा संस्पर्शी प्रसार नगर होना अनिवार्य है, जबकि महानगर में ऐसे संलग्न नगर का होना अनिवार्य नहीं है।
126. भारत में कौन-से क्षेत्र मानव आवास के लिए आकर्षक नहीं है? .. (Which areas are not attractive for human habitation in India?)
उत्तर – भारत में पर्वतीय, मरुस्थलीय और वनाच्छादित प्रदेश मानव आवास के लिए अनाकर्षक हैं। हिमाचलप्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम इत्यादि पर्वतीय क्षेत्रों में ऊबड़-खाबड़ धरातल के कारण घरों और सड़कों को बनाना कठिन है तथा अन्य सुविधाओं की कमी है। मरुस्थलीय भागों में जल और वनस्पति की कमी तथा शष्क और गर्म जलवाय मानव के निवास के अनकल नहीं है। इसी प्रकार, वनाच्छादित प्रदेश दलदली भूमि तथा भौतिक बाधाओं के कारण दुर्गम होते हैं। इसी कारण ये क्षेत्र मानव निवास के लिए अनाकर्षक है।
127. शुष्क कृषि किसे कहते हैं? (What is dry farming ?)
उत्तर- शुष्क कृषि पद्धति उन क्षेत्रों में अपनायी जाती है, जहाँ वार्षिक वर्षा 75 सेमी० से कम होती है। वर्षा के अभाव में यहाँ ऐसी फसलें उपजायी जाती हैं जो शुष्कता को सहन कर सके, जैसे—रागी, बाजरा, मूंग, चना, ज्वार इत्यादि। इन क्षेत्रों में आर्द्रता संरक्षण तथा वर्षा जल के प्रयोग की अनेक विधियाँ अपनाई जाती है।
128. पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भौम जल विकास के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं ? (Which factors are responsible for highest ground water development in the states of Punjab, Haryana and Tamilnadu?)
उत्तर- पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में भौम जल का उपयोग बहुत अधिक है। इसका कारण यह है कि ये राज्य कृषि के दृष्टिकोण से विकसित हैं और कृषि का विकास केवल विकसित सिंचाई तंत्र से ही संभव होता है। इन राज्यों में निवल बोए गए क्षेत्र का 85% भाग सिंचित है। यो तो इन राज्यों में नहरों के द्वारा सिंचित क्षेत्र भी महत्त्वपूर्ण हैं, किन्तु पंजाब में निवल सिंचित क्षेत्र का 76.1%, हरियाणा में 51.3% और तमिलनाडु में 54.7% कुओं और नलकूपों द्वारा सिंचित है। ये दोनों साधन भौम जल का ही उपयोग करते हैं। यही कारण है कि इन राज्यों में सबसे अधिक भौम जल का विकास हआ है।
129. देश में कुल उपयोग किए गए जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की संभावना – क्यों है? (Why the share of agriculture sector in total water used in the country is expected to decline ?)
उत्तर- वर्तमान समय में कुल जल उपयोग में कृषि सेक्टर का हिस्सा दूसरे सेक्टरों से काफी अधिक है। कृषि सेक्टर में धरातलीय जल का 89% और भौम जल का 92% उपयोग किया जाता है। इसके विपरीत, औद्योगिक क्षेत्र में धरातलीय जल का 2% और भौम जल का 5% एवं घरेलू क्षेत्र में धरातलीय जल का 9% और भौम जल का 3% भाग ही उपयोग में लाया जाता है। फिर भी, भविष्य में जनसंख्या की वृद्धि और औद्योगिक विकास के साथ-साथ देश में औद्योगिक और घरेलू सेक्टर में जल का उपयोग बढ़ने की संभावना है। इसके फलस्वरूप कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होगा।
130. भारत में घटते जल संसाधन के लिए उत्तरदायी दो कारकों का उल्लेख कीजिए। (Mention any two factors responsible for depletion of water resources in India.)
उत्तर- भारत में तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या के लिए सभी क्षेत्रों में पानी की मांग बढ़ रही है। जल की माँग पेयजल और उद्योगों के अतिरिक्त सिंचाई में अपेक्षाकृत अधिक बढ़ रही है। वर्तमान समय में धरातलीय जल का 89% और भमिगत जल का 92% जल का उपयोग सिंचाई और कृषि में हो रहा है। यही कारण है कि देश में जल-संसाधनों में तेजी से कमी आ रही है। देश में औसत वार्षिक प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता 1951 में 5177 घनमीटर थी, जो घटकर 2001 में 1829 घनमीटर रह गयी और यही स्थिति रही तो 2025 में यह 1342 घन मीटर रह जाएगी। 1000 घनमीटर औसत वार्षिक प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता पर जल संकट पैदा हो जाता है।
131. जल संसाधन का संरक्षण जरूरी है। क्यों? (Conservation of water resources is necessary Why?)
उत्तर-तीव्र गति से जनसंख्या की वृद्धि उसकी माँग तथा जल के असमान वितरण के कारण जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता दिनों दिन कम होती जा रही है। इतना ही नहीं, सीमित उपलब्ध जल संसाधन औद्योगिक, कृषि और घरेलू निस्सरणों से प्रदूषित होता जा रहा है और जल की गुणवत्ता में ह्रास हो रहा है। इस कारण उपयोगी जल संसाधनों की उपलब्धता और सीमित होती जा रही है। लगभग 90% जल का उपयोग सिंचाई के लिए होता है। भारत के लगभग सभी राज्यों में सिंचित क्षेत्र बढ़ाने की आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं के लिए संतुलित तथा पर्याप्त जल आपूर्ति के लिए जल का संरक्षण जरूरी है।
132. बंजर भूमि तथा कृषि योग्य व्यर्थ भूमि में अंतर स्पष्ट करें।(Differentiate between barren land and culturable wasteland.)
उत्तर – बंजर या ऊसर भूमि के अंतर्गत वे सभी भूमि सम्मिलित हैं, जो व्यावहारिक दृष्टिकोण से कृषि के लिए अनुपजाऊ, अनुपयोगी तथा. बेकार है और जो प्रचलित प्रौद्योगिकी की मदद से कृषि योग्य नहीं बनाई जा सकती है, जैसे बंजर पहाड़ी भू-भाग, मरुस्थल, बीहड़ (ravines) इत्यादि। इसके विपरीत, कृषि योग्य व्यर्थ भूमि निश्चित रूप से कृषि योग्य है, किन्तु जंगली पौधों और घास के विकास, जल-जमाव, मिट्टी अपरदन, अधिवास से अधिक दूरी इत्यादि के कारण ये पिछले पाँच वर्षों या अधिक समय तक परती या कृषि रहित है। भूमि उद्धार तकनीक द्वारा इसे सुधार कर कृषि योग्य बनाया जा सकता है।
133. पश्चिम बंगाल में जूट की कृषि का वर्णन कीजिए। (Describe jute cultivation in West Bengal.)
उत्तर – भारत की छाल वाली रेशेदार फसलों में जूट सर्वप्रथम है, जिससे रस्सी, टाट, बोरा, गलीचा इत्यादि वस्तुएँ बनाई जाती हैं। इसके पौधे दो से चार मीटर ऊँचे होते हैं। पौधों को काटने के बाद पानी में सड़ाया जाता है। फिर उससे छाल को अलग कर उसे खूब पीटा जाता है, जिससे उसके रेशे निकल आते हैं। इस रेशे की बिक्री होती हैं इस कारण इसे नकदी फसल माना जाता है। जूट उद्योग का यह कच्चा माल है।
जूट उष्ण कटिबंधीय मानसूनी जलवायु का पौधा है। इसकी खेती के लिए 25 से 30° सेग्रे० तापमान, 100 से 200 सेंमी० वर्षा और डेल्टाई मिट्टी की आवश्यकता होती है। जूट को सड़ाने के लिए तालाब या जलाशय आवश्यक हैं।
पश्चिम बंगाल में जूट के उत्पादन की सारी भौगोलिक आवश्यकताएं पूरी होती हैं। पश्चिम बंगाल को भारत का जूट क्षेत्र कहा जाता है। देश का दो-तिहाई जूट अकेला यही राज्य उत्पन्न करता है। इस राज्य के 4 लाख हेक्टेयर भूमि में जूट का उत्पादन होता है। मुख्य उत्पादन क्षेत्र राज्य के पूर्वी भाग में हुगली नदी के किनारे स्थित हैं। मुर्शिदाबाद, दीनाजपुर, कूच बिहार, हुगली, 24 परगना, नादिया, जलपाईगुड़ी माल्दा, बर्द्धमान और हावड़ा जिले जूट उत्पादन के लिए विख्यात हैं।
134. विशेषीकृत फलोत्पादन एवं सब्जी वाली कृषि शहरों के निकट विकसित होती है। क्यों ? (Truck farming is developed near urban centres why?)
उत्तर-शहरों में जनसंख्या की अधिकता के कारण फलों और सब्जियों की माँग अधिक होती है। फल और सब्जी शीघ्र खराब होने वाले कृषि उत्पाद है; अतः दूर से लाने पर इनके खराब होने का भय रहता है। इस कारण इनकी खेती शहरों के निकट ही होती है। लेकिन आजकल : यातायात के तीव्र साधनों के विकास के कारण इन्हें दूर से लाने में सुविधा हो गयी है और इनकी खेती शहरों से दूर भी होती है। फिर भी, ताजा फल और सब्जी के लिए शहर निकटवर्ती क्षेत्र पर ही निर्भर रहता है।
135. शुष्क कृषि तथा आर्द्र कृषि में क्या अन्तर है ? (What is difference between dry farming and humid farming ?)
उत्तर – शष्क कृषि पद्धति उन क्षेत्रों में अपनायी जाती है, जहाँ वार्षिक वर्षा 75 सेमी० से कम है। वर्षा के अभाव में यहाँ ऐसी फसलें उपजायी जाती है, जो शुष्कता को सहन कर सके, जैसे -रागी, बाजरा, मूंग, चना, ज्वार इत्यादि। इन क्षेत्रों में आर्द्रता संरक्षण तथा वर्षा जल के प्रयोग की अनेक विधियाँ अपनाई जाती हैं। इसके विपरीत आर्द्र कृषि उन क्षेत्रों में होती हैं, जहाँ वर्षा ऋतु में जल पौधों की जरूरत से अधिक होता है। इन क्षेत्रों में वे फसलें उपजायी जाती है, जिन्हें पानी की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है, जैसे चावल, जूट, गन्ना इत्यादि।
136. भारतीय कृषि की तीन विशेषताओं को लिखिए। (Write there characteristics of Indian agriculture.)
उत्तर – भारतीय कृषि की तीन विशेषताएँ हैं-
(i) भारत में गहन निर्वाहक कृषि (Intensive Subsistence Farming) होती है।
(ii) भारत में वर्ष में तीन मौसमी फसलें उपजायी जाती हैं खरीफ, रबी और जायद।
(iii) भारतीय कृषि मुख्यतः वर्षा पर आधारित है।
137. गन्ना की खेती के लिए आदर्श परिस्थितियाँ क्या होनी चाहिए ? (What should be the ideal condition for cultivation of sugarcane?)
उत्तर – गन्ना एक उष्ण कटिबंधीय फसल है। इसकी खेती के लिए आदर्श परिस्थितियाँ हैं –
(i) दीर्घकालीन ग्रीष्मऋतु जिसमें तापमान 21° सें० ग्रे० से 27° सें० ग्रे० तक हो।
(ii) कम से कम 150 सेमी० वार्षिक वर्षा या सिंचाई का प्रबंध।
(iii) पर्याप्त धूप और पाले से रक्षा।
(iv) उपजाऊ दोमट या हल्की चिकनी मिट्टी और
(v) पर्याप्त सस्ते मजदूर।
138. ऋषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश संलग्न है । स्पष्ट करें । (Most of the Indian workers are engaged in agricultural sector.” Explain.)
उत्तर – भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का आधार है। यही कारण है कि भारत की कामगार जनसंख्या का एक बहुत बड़ा हिस्सा कृषि में संलग्न है। कुल श्रमजीवी जनसंख्या का लगभग 58.2 प्रतिशत कृषक और कृषि मजदूर हैं, जबकि केवल 4.2 प्रतिशत श्रमिक घरेलू उद्योगों में लगे हैं और 37.6 प्रतिशत अन्य श्रमिक हैं जो गैर-घरेलू उद्योगों, व्यापार, वाणिज्य, विनिर्माण तथा अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं।
139. उत्तरी भारत में सिंचाई के मुख्य साधन क्या हैं?(What are the main sources of irrigation in Northern India?)
उत्तर- उत्तरी भारत में सिंचाई के मुख्य साधन नहर, कुआँ और नलकूप हैं। इनमें नहर द्वारा सिंचाई का विशेष महत्त्व है। समतल और मुलायम चट्टानों की उपस्थिति, विस्तृत कृषि उपजाऊ भूमि, कम गहराई में, नदी से या अन्य जल-स्रोत से जल की पर्याप्त पूर्ति के कारण उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार इत्यादि राज्यों में इन साधनों से सिंचाई होती है।
140. भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याओं का उल्लेख करें।(Discuss main problems of indian agriculture.)
उत्तर – भारतीय कृषि अनेक प्राकृतिक, आर्थिक, सामाजिक और अवसंरचना संबंधी समस्याओं से ग्रसित है। प्राकृतिक समस्याओं में प्राकृतिक आपदा (बाढ़, सूखा), जल जमाव, परती तथा बंजरभूमि, मिट्टी अपरदन, मिट्टी का अत्यधिक उपयोग आदि मुख्य हैं। आर्थिक समस्याओं के अन्तर्गत किसानों की निर्धनता, अधिक उत्पादन लागत तथा कम उत्पाद मूल्य उल्लेखनीय हैं। कृषि भूमि पर जनसंख्या का बढ़ता बोझ, भूमि सुधार कार्यक्रम का अप्रभावशाली कार्यान्वयन किसानों का तिरस्कार आदि सामाजिक समस्याएँ हैं। सिंचाई, उत्तम बीज, रासायनिक खाद, ऋण सुविधा, भंडारण तथा व्यवस्थित बाजार की कमी अब संरचना संबंधी समस्याएँ हैं।
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